इसे भी पढ़ें- गर्म होगी पूर्वांचल की सियासत, चार साल बाद आजमगढ़ आएंगे ओवैसी
यूपी में भागीदारी संकल्प मोर्चा के संयोजक ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) 2022 के पहले छोटे दलों को एकजुट करने में लगे हैं। अब तक उनके साथ शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) व ओवैसी के अलावा चंद्रशेखर (Chandrashekhar) जैसे चर्चित नाम जुटते दिख रहे हैं। हाल ही में ओवैसी से मुलाकात के बाद ओम प्रकाश राजभर चंद्रशेखर से भी मिले हैं और कहा जा रहा है क चंद्रशेखर को आवैसी का साथ मलि रहा है। अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने भी यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर प्रदेश में तीसरे मोर्चे की संभावनाओं को बल दिया है। यूपी में संभावनाओं को देखते हुए ओवैसी आगामी पंचायत चुनावों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों तक संगठन को विस्तार देने की कवायद में जुटे हैं।
इसे भी पढ़ें- आजमगढ़ में ओवैसी को नो इंट्री, सीमा पर बढ़ी चौकसी
उनके पूर्वांचल आने को भी इसी कवायद का हिस्सा माना जा रहा है। मजलिस के प्रदेश अध्यक्ष शौकत माहुली (Shaukat Mahuli) ने पत्रिका से बताया है कि 12 जनवरी को असदुद्दीन ओवैसी और ओम प्रकाश राजभर साथ ही आएंगे। 10 बजे वाराणसी एयरपोर्ट आएंगे। वहां से 12 बजे वो जौनपुर पहुंचेंगे, कहां कार्यकर्ता उनका स्वागत करेंगे। वहां वह दो मिनट रुकेंगे। वहां से खेतासराय दीदारगंज होते हुए वो आजमगढ़ के माहुल स्थित प्रदेश अध्यक्ष के घर पहुंचेगे। वहां भोजन और नमाज के बाद दोनों नेता वापस वाराणसी आकर वहां से वापस हो जाएंगे।
इसे भी पढ़ें- href="https://www.patrika.com/azamgarh-news/people-dissatisfied-with-police-action-in-azamgarh-1252440/" target="_blank" rel="noopener">आजमगढ़ दंगा: ओवैसी को बताएंगे दंगे की सच्चाई
निशाने पर पूर्वांचल
यूपी की सियासत में पूर्वी उत्तर प्रदेश का बेहद अहम रोल है। ऐसा कहा जाता है कि यूपी की सत्ता पर वही काबिज होता है जो पूर्वांचल केा जीतता है। पहले मायावती, फिर अखिलेश यादव की सपा सरकार और अब योगी आदित्यनाथ भी पूर्वांचल से जीत के रथ पर सवार होकर सत्ता तक पहुंचे हैं। यही वजह है कि आजमगढ, जौनपुर और वाराणसी, व बिहार बाॅर्डर से सटे यूपी के मुस्लिम बाहुल्य जिलों पर आईएआईएम (AIMIM) की नजरें हैं।
दलित मुस्लिम वोटों पर नजर
ओवैसी की यूपी और खासतौर से पूर्वी उत्तर प्रदेश में दलित मुस्लिम वोटों पर नजर है। जय भीम-जय मीम (Jai Bheem Jai Meem) उनका पुराना नारा रहा है। इसी नारे को लेकर वह यूपी में भी आना चाहते हैं। हालांकि अभी बसपा (BSP) की ओर से ओवैसी को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विकल्प के तौर पर चंद्रशेखर ओवैसी के साथ खुलकर आते दिख रहे हैं। भागीदारी मोर्चा को लेकर चंद्रशेखर और ओम प्रकाश राजभर की मुलाकात भी हुई है और उन्होंने पूर्वांचल में सक्रियता बढ़ा दी है। आजमगढ़ (Azamgarh)में सत्यमेव जयते की हत्या (Satyamev Jayate) के बाद चंद्रशेखर का आना जाना लगा हुआ है।