लोगों में पूजा-पाठ के अपशिष्ट को नदी में फेंकने की आदत बन चुकी है। वरूणा पुल पर आये दिन यह नजारा देखने को मिल सकता है। पुल पर लोग आते हैं और पूजा-पाठ के अपशिष्ट को पानी में फेंक कर चले जाते हैं जिससे प्रदूषित नदी में और भी प्रदूषण बढ़ जाता है। लोगों को जागरूक करने का बहुत प्रयास किया गया था लेकिन सफलता नहीं मिली। वरूणा पुल से लोगों के छलांग लगाने व अपशिष्ट को फेंकने से रोकने के लिए दोनों तरफ बड़ी जाली लगायी गयी है इसके बाद भी लोग अपशिष्ट को नदी में फेंक रहे थे। नगर निगम ने अब वहां पर अर्पण कलश रख दिया है। इसमे फेंके गये अपशिष्ट का प्रतिदिन निस्तारण कराया जायेगा। इससे पुल व नदी दोनों में गंदगी नहीं फैलेगी।
यह भी पढ़े:-पुलिस से बचने के लिए अकेले करता था अपराध, फिर भी पकड़ा गया गंगा में भी फेंकी जाती है पूजा सामग्रीगंगा नदी में भी पूजा सामग्री फेंकी जाती है। गंगा के किनारे माला-फूल से लेकर अन्य सामग्री प्रतिदिन निकाली जाती है। लोग गंगा की पूजा करते हैं और फिर उसे ही प्रदूषित कर देते हैं। नदियों को प्रदूषित करने वालों पर पहले से ही जुर्माना लगाने का नियम है लेकिन इसका कड़ाई से पालन नहीं होता है।
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