वाराणसी. बाहुबली मोख्तार अंसारी के परिवार का पूर्वांचल में असर है। पर पहले ऐसा नहीं था। अकेले अफजाल अंसारी लेफ्ट पार्टी से विधायक होते थे। पर इसके बाद महत्वकांक्षा ऐसे बढ़ी कि फिर इनकी सियासी रफ्तार नहीं रुकी। पिछले चुनाव में कुछ रफ्तार धीमी जरूर हुई पर एक बार फिर जिस तरह से सपा में अंसारी बंधुओं की पार्टी का विलय हुआ है उससे यह रफ्तार बढ़ेगी ऐसा राजनतिक हलकों में कहा जा रहा है। पार्टी में विलय होने के बाद सपा ने पहला टिकट मोख्तार अंसारी के बड़े भाई सिब्गतुल्लाह अंसारी का मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से पक्का किया है। पर उनकी जगह शिवपाल यादव ने जिसका टिकट काटा है वह भी कोई मामूली व्यक्ति नहीं। अखिलेश ने पहली लिस्ट जाी कर उन्हें प्रत्यााशी बनाया था।पर राजेश कुशवाहा इससे विचलित नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि सीएम अखिलेश यादव से पहले ही बात हो चुकी है। उन्होंने कहा है कि तुम घबराना नहीं। याद रहे कि राजेश कुशवाहा की कुर्बानी पर ही सिब्गतुल्लाह अंसारी का राजनैतिक कैरियर शुरू हुआ था।
राजेश कुशवाहा का कटा टिकट तो सिब्गतुल्लाह बने प्रत्याशी
यहां बात गाजीपुर के वर्तमान सपा जिलाध्यक्ष राजेश कुशवाही की हो रही है। राजेश कुशवाहा ने जिले में सपा को मजबूत करने का काम किया है। उनके काम से खुश होकर ही 29 मार्च 2016 को समाजवादी पार्टी की पहली लिस्ट में उन्हें गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से प्रत्याशी बनाया गया था। प्रत्याशी बनाए जाने के बाद राजेश लगातार चुनाव प्रचार में जुटे थे। पर 10 दिसम्बर 2016 यानि शनिवार को शिवपाल यादव ने जब तीसरी लिस्ट जारी की तो उसमें राजेश का टिकट काटकर सिब्गतुल्लाह अंसारी को प्रत्याशी बना दिया।
2007 में भी सिब्गतुल्लाह अंसारी के लिये कटा था राजेश का टिकट
ऐसा नहीं है कि राजेश कुशवाहा का टिकट सिब्गतुल्लाह अंसारी के लिये पहली बार कटा है। ऐसा उनके साथ दूसरी बार किया गया है। दरअसल पहले केवल अफजाल अंसारी और मोख्तार अंसारी ही राजनीति में थे। पर 2007 में सिब्गतुल्लाह अंसारी भी राजनीति में आए। उस समय अंसारी बंधु सपा में थे और उनकी चलती भी खूब थी। मोहम्मदाबाद सीट पर सपा ने राजेश कुशवाहा को प्रत्याशी घोषित कर दिया था। पर जब सिब्गतुल्लाह ने राजनीतिक पारी शुरू की तो राजेश का टिकट काटकर उन्हें दे दिया गया।
सीएम अखिलेश यादव ने दिया था राजेश को टिकट
ऐसा बताया जाता है कि राजेश कुशवाहा को मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से एमएलए का टिकट दिया था। तब प्रदेश अध्यक्ष सीएम अखिलेश यादव ही थे। उनका साथ पाकर राजेश लगातार चुनाव की तैयारियों में जुट गए थे। पर बीच में अंसारी बंधुओं की पार्टी के विलय को लेकर बनी स्थिति के बाद शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच चली जंग के बाद प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी शिवपाल यादव के हाथों में आ गई। अंसारी बंधुओं की पार्टी का विलय भी सपा में हो गया। ऐसे में मोहम्मदाबाद सीट अंसारी बंधुओं की घरेलू सीट होने के चलते सबसे पहले सिब्गतुल्लाह अंसारी को राजेश कुशवाहा का टिकट काटकर प्रत्याशी बना दिया गया।
फिलहाल राजश कुशवाहा इंतजार के मूड में
टिकट कट जाने के बाद राजेश कुशवाहा अभी इंतजार के मूड में हैं। राजेश कुशवाहा से जब पत्रिका ने बात की तो उन्होंने साफ कहा कि यह पार्टी का फैसला है। पर साथ ही वहज ये भी कहते हैं कि 2007 में पार्टी ने टिकट काटा, 2009 में लोकसभा प्रत्याशी बनने की दौड़ में आगे थे पर नहीं मिला। बावजूइ इसके मैं सपा का वफादार सिपाही हूं और उसके निर्देश पर ही काम करता हूं। साथ ही वह ये बताना भी नहीं भूले कि उनकी मुख्यमन्त्री अखिलेश यादव से पहले ही बात हो चुकी है उन्होंने कहा है कि तुम घबराना मत।
Hindi News / Varanasi / शिवपाल ने काटा टिकट तो, प्रत्याशी ने कहा CM अखिलेश से बात हो चुकी है, उन्होंने कहा है तुम घबराना नहीं।