बनारस के पुलिस लाइन में सम्मान के साथ इन राइफलों को विदाई दी गयी है। पुलिसकर्मियों को अब 3 नॉट 3 की जगह भारत में बनी इंसास राइफल मिल रही है, जो अत्याधुनिक होने के साथ सुविधाजनक भी है। पुलिस लाइन में एडीजी जोन बृजभूषण ने कहा कि हम लोगों की सेवा में आने से पहले ही यह बंदूक विभाग में थी बहुत ही भरोसेमंद वैपन है। 3 नॉट 3 के मदद से हमारे जवानों ने बहुत सफलता पायी है। कई गंैग का सफाया किया। कई आतंकवादियों से इसी बंदूक से लड़ाई लड़े। हम इस बंदूक को कभी भूल नहीं सकते हैं। पुलिस में तेजी से अत्याधुनिक हथियारों को शामिल किया जा रहा है। यह समय की मांग है। इसके बाद ही पुलिसकर्मी अपनी इस बंदूक को कभी भूल नहीं पायेंगे। विभाग के लोग इतने समय से उपयोग कर रहे थे कि उससे मोह हो चुका है। यह ऐसा हथियार था जिससे कई लोगों की जान बचायी गयी। कानून व्यवस्था कायम रखने में इस बंदूक की महत्वपूर्ण भूमिका थी। कई खुंखार डकैतों का सफाया इसी हथियार से हुआ था
यह भी पढ़े:-पिकअप में फंसी बाइक सवार की शर्ट, रेलिंग तोड़ कर वरुणा नदी में दोनों वाहन गिरने से तीन की मौत ब्रिटिश आर्मी ने सबसे पहले किया था इस राइफल का उपयोगब्रिटिश आर्मी ने सबसे पहले 3 नॉट 3 राइफल का उपयोग किया था। प्रथम विश्व युद्ध में इस राइफल ने पहली बार दुनिया को अपनी ताकत दिखायी थी। प्रथम विश्व युद्ध के बाद अंग्रेजों ने भारत में इस राइफल को लाया था। 1945 से पुलिस इस राइफल का उपयोग कर रही है। इतने दशक बीत जाने के बाद भी इस राइफल ने पुलिसकर्मियों को पूरा साथ दिया था लेकिन अब 3 नॉट 3 को रिटायर कर दिया गया है, जिससे यह बंदूक इतिहास बन गयी है।
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