फोरेंसिक पैनल कर रहा जांच
इस सनसनीखेज वारदात के पीछे की वजह अभी तक साफ नहीं हो सकी है। मौके पर पहुंचे पुलिस अफसरों ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। फोरेंसिक टीम के पैनल ने भी पूरे घर से सबूत जुटाने की कोशिश की है। फिलहाल पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल ये है कि इस वारदात को किसने अंजाम दिया और वारदात के पीछे क्या वजह हो सकती है। इन सभी सवालों के जवाब तलाशने के लिए अलग-अलग टीमें लगाई गई हैं। सबसे छोटे बच्चे की उम्र महज एक साल
मेरठ के लिसाड़ी गेट के पास रहने वाले मोईन पेशे से मिस्त्री थे। वह अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ सुहेल गार्डन कॉलोनी में रहते थे। इनके साथ इनकी पत्नी आसमा रहती थी सबसे बड़ी बेटी अफ्सा की उम्र अभी आठ साल थी। इसके बाद चार साल की बेटी अजीजा और सबसे छोटी बेटी अदीबा अभी महज एक साल की ही थी। हत्या की इस वारदात को अंजाम देने के बाद हत्यारोपियों ने इनके शव छिपाने की कोशिश की। पति-पत्नी समेत बच्चों के शव बेड के बॉक्स में मिले।
हत्या के बाद बोरों में भर दिए बच्चों के शव ( UP Crime )
इस घटना को अंजाम देने वालों ने बड़ी बेरहमी दिखाई। घटना को छिपाने के लिए बच्चों के शव एक बोरी में भर दिए। पहले इन्हे घर में इधर-उधर छिपाने की कोशिश की और बाद बेड के बॉक्स में भर दिया। पुलिस ने आस-पास के लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि दो दिन से परिवार नही दिख रहा था। पुलिस अब इस मामले में सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर विपिन ताड़ा का कहना है कि हर एंगल से जांच की जा रही है। पुलिस जल्द हत्यरों तक पहुंच जाएगी।