Potato Price Hike: टमाटर के बाद आलू ने बिगाड़ा आम आदमी का बजट, नींबू के भी बढ़े भाव
Potato Price Hike: आलू की कीमत में 5 रुपये प्रति किलो का इजाफा, खुदरा बाजार में 30-35 रुपये किलो हो चुकी है दर। गर्मी के कारण नींबू के दाम भी आसमान छू रहे, 10 रुपये में एक पीस बिक रहा
Potato Price Hike: टमाटर की महंगाई के बाद अब आलू और नींबू की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। इटौजा क्षेत्र में आलू की कीमत में 5 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है, जिससे खुदरा बाजार में यह 30 से 35 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। आलू, जो हर रसोई की बुनियादी सब्जियों में से एक है, अब आम आदमी की पहुंच से दूर होता जा रहा है। व्यापारियों के अनुसार, आने वाले दिनों में आलू की कीमतों में और भी इजाफा हो सकता है। इसके साथ ही, गर्मी के कारण नींबू की कीमतें भी तेजी से बढ़ रही हैं, और फिलहाल खुदरा बाजार में 10 रुपये में सिर्फ एक पीस नींबू मिल रहा है।
इटौंजा स्थित मानपुर मंडी में व्यापारियों का कहना है कि थोक बाजार में सफेद आलू की कीमतें 23 से 24 रुपये प्रति किलो पहुंच गई हैं। मंडी के आढ़ती अशोक कुमार ने बताया कि आलू की थोक कीमतें इसी स्तर पर रहीं और आने वाले दिनों में इनकी कीमतें 25 रुपये प्रति किलो से भी ऊपर जा सकती हैं। व्यापारियों का कहना है कि आलू की कीमतों में फिलहाल कोई कमी आने की संभावना नहीं है। कीमतों में राहत तब मिलेगी, जब पंजाब, बिहार और बंगाल से आलू की नई खेप लखनऊ पहुंचेगी।
हालांकि व्यापारियों का कहना है कि चुनाव के बाद ही आलू की कीमतों में गिरावट आ सकती है, तब तक आलू के दाम बढ़ते रहने की संभावना है। इसके चलते खुदरा बाजार में आलू की कीमतें आम आदमी के बजट पर सीधा असर डाल रही हैं। जो आलू कुछ हफ्ते पहले 20-25 रुपये प्रति किलो बिक रहा था, वह अब 30 रुपये से ऊपर पहुंच चुका है।
नींबू भी बना रहा है परेशानी
लखनऊ में बढ़ती गर्मी के कारण नींबू की कीमतों में भी तेजी देखी जा रही है। पिछले दस दिनों में नींबू की कीमतें लगभग दोगुनी हो चुकी हैं। खुदरा बाजार में नींबू 20 रुपये में 3 पीस बिक रहा है, जबकि एक नींबू का दाम 10 रुपये तक पहुंच गया है। व्यापारियों के अनुसार, नींबू की मांग गर्मियों में काफी बढ़ जाती है, लेकिन उत्पादन में कमी के चलते कीमतें आसमान छू रही हैं। आने वाले दिनों में नींबू के दामों में और भी वृद्धि हो सकती है, जिससे आम जनता की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
आलू और नींबू की बढ़ती कीमतों का असर न केवल रसोई घर पर पड़ रहा है, बल्कि इसका राजनीतिक प्रभाव भी देखा जा सकता है। मंडियों में हो रही चर्चाओं के अनुसार, अगर आलू और प्याज जैसी जरूरी सब्जियों की कीमतों में इसी तरह इजाफा होता रहा, तो इसका प्रभाव आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है। आलू और प्याज दोनों ही सब्जियां हर घर की जरूरत होती हैं, और इनकी कीमतों में बढ़ोतरी से जनता में असंतोष बढ़ सकता है।
महंगाई की मार से उबरने की कोशिश
आलू और नींबू की महंगाई से आम आदमी की रसोई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। त्योहारों के मौसम में जहां आम लोग अपने बजट को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं इन सब्जियों की कीमतों में वृद्धि ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। हालांकि, व्यापारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे ही नई खेप बाजार में आएगी, स्थिति में थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन यह राहत कब तक मिलेगी, यह कहना मुश्किल है।
आलू और नींबू की कीमतों में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण मांग और आपूर्ति में असंतुलन है। उत्पादन में गिरावट और परिवहन की समस्याओं के चलते बाजार में पर्याप्त मात्रा में आलू और नींबू नहीं पहुंच रहे हैं, जिससे कीमतों में तेजी आई है।
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