लोकसभा चुनाव के सातवें चरण का मतदान समाप्त होने के बाद से ही विभिन्न एग्जिट पोल सामने आ रहे हैं। इनमें से कई रिपोर्ट्स में बुंदेलखंड क्षेत्र में भाजपा की बढ़त की बात कही जा रही है। भाजपा समर्थकों के लिए यह खबर उत्साहजनक है, जबकि विपक्षी पार्टियां एग्जिट पोल को महज कुछ लोगों की राय बताकर इसे खारिज कर रही हैं।
भाजपा की स्थिति मजबूत
एग्जिट पोल के अनुसार, झांसी-ललितपुर, जालौन, हमीरपुर और बांदा लोकसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा बरकरार रहने की संभावना है। झांसी-ललितपुर सीट पर 2014 में उमा भारती और 2019 में अनुराग शर्मा सांसद चुने गए थे। इस बार भी अनुराग शर्मा मैदान में हैं। जालौन सीट पर 2014 और 2019 में भाजपा के भानु प्रताप वर्मा ने जीत दर्ज की थी, और इस बार भी वे चुनाव लड़ रहे हैं। इसी प्रकार हमीरपुर में पुष्पेंद्र सिंह और बांदा में आरके सिंह पटेल को भाजपा ने फिर से टिकट दिया है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्षी नेताओं ने एग्जिट पोल की रिपोर्टों को संदेह की दृष्टि से देखा है। झांसी-ललितपुर सीट पर कांग्रेस (इंडिया गठबंधन) के प्रत्याशी प्रदीप जैन आदित्य का कहना है कि एग्जिट पोल सिर्फ कुछ लोगों की राय होते हैं और यह लोकसभा क्षेत्र की सटीक राय नहीं मानी जा सकती। उनका दावा है कि झांसी-ललितपुर सीट पर इंडिया गठबंधन डेढ़ से दो लाख वोटों से जीत दर्ज करेगा।
त्रिकोणीय मुकाबला
बसपा प्रत्याशी रविप्रकाश कुशवाहा ने भी एग्जिट पोल को नकारते हुए कहा कि त्रिकोणीय मुकाबले का बसपा को फायदा मिलेगा। उन्होंने बताया कि कई चुनावों में एग्जिट पोल गलत साबित हुए हैं और इस बार भी ऐसा ही होगा।
भाजपा का आत्मविश्वास
भाजपा के जिलाध्यक्ष अशोक गिरि का कहना है कि बुंदेलखंड में भाजपा का कब्जा कायम रहेगा। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों और कानून-व्यवस्था में सुधार के कारण जनता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा कर रही है, जिससे चारों सीटों पर भाजपा की जीत तय है। बुंदेलखंड की जनता ने पिछले दो चुनावों में भाजपा को समर्थन दिया है, और एग्जिट पोल के अनुसार, इस बार भी भाजपा की स्थिति मजबूत दिख रही है। अब देखना यह है कि क्या एग्जिट पोल की यह भविष्यवाणी सही साबित होती है या फिर वास्तविक नतीजे कुछ और कहानी बयां करेंगे।