मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश को ‘उद्यम प्रदेश’ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे हर मंच पर उत्तर प्रदेश के उत्पादों की ब्रांडिंग करते हैं और उद्यमियों को अपने उत्पादों की मार्केटिंग का अवसर प्रदान करने के लिए शासन को निर्देशित करते हैं। इस आयोजन से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME), ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद), हस्तशिल्प, हथकरघा, और टेराकोटा से जुड़े उद्यमियों को अपनी प्रतिभा और उत्पादों को वैश्विक बाजार में प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा।
वाराणसी मंडल के 44 हस्तशिल्पी लेंगे हिस्सा
वाराणसी मंडल के 44 हस्तशिल्पी और नए निर्यातक यूपीआईटीएस 2024 में हिस्सा लेंगे। वाराणसी, चंदौली, जौनपुर और गाजीपुर के कुल 20 ओडीओपी उद्यमी और 16 MSME उद्यमी पंजीकरण करा चुके हैं। बनारसी सिल्क साड़ी और कालीन उद्योग के 8 नए निर्यातक भी इस आयोजन में शामिल होंगे।
आगरा के 134 उद्यमियों ने कराया पंजीकरण
आगरा मंडल से 134 उद्यमियों ने पंजीकरण कराया है, जिनमें आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी से जुड़े विभिन्न हस्तशिल्पी, निर्यातक और महिला उद्यमी शामिल हैं। आगरा से डावर फुटवियर और गुप्ता ओवरसीज जैसे बड़े नाम भी इस आयोजन में हिस्सा लेंगे। इसके अलावा, गोरखपुर, प्रयागराज, झांसी और बरेली मंडलों से भी उद्यमियों ने पंजीकरण कराया है।
योगी सरकार का बड़ा कदम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों का उद्देश्य प्रदेश के पारंपरिक उत्पादों को संरक्षित कर उनकी वैश्विक पहुंच को मजबूत बनाना है। यूपीआईटीएस 2024 के माध्यम से, प्रदेश के पारंपरिक उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में नया मुकाम मिलेगा, जिससे उद्यमियों की कमाई में बढ़ोतरी होगी।