स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) की होगी स्थापना
परियोजना के तहत, कृषि उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य में 2 से 3 विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) स्थापित किए जाएंगे। इन SEZ में सिद्धार्थनगर और गोरखपुर में काला नमक चावल के लिए, झांसी में मूंगफली के लिए, ललितपुर में उरद के लिए, और जौनपुर, भदोही, बनारस, गाजीपुर, बलिया में सब्जियों के लिए SEZ की स्थापना की जाएगी। इससे निर्यात के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा और किसानों को निर्यात बाजारों तक सीधी पहुंच मिल सकेगी।Good News: केले की खेती बनी यूपी के किसानों की पहली पसंद, परंपरागत फसलों को पीछे छोड़ा
क्लस्टर फार्मर्स और कॉमन फैसिलिटी सेंटर
योगी सरकार का यह प्रोजेक्ट न सिर्फ किसानों की आय बढ़ाने का उद्देश्य रखता है, बल्कि प्रदेश की कृषि उत्पादकता को भी बढ़ावा देगा। इसके तहत 30,750 क्लस्टर फार्मर्स ग्रुप को विकसित किया जाएगा, जो कृषि उत्पादों की गुणवत्ता और निर्यात के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा, एक्सपोर्टर्स के लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर की स्थापना की जाएगी, जहां कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।कार्बन क्रेडिट मार्केट और जैविक खेती
परियोजना के तहत, प्रदेश में जैविक खेती को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए एक विश्व स्तरीय कार्बन क्रेडिट मार्केट स्थापित किया जाएगा, जहां किसान अपनी जैविक खेती से उत्पन्न क्रेडिट्स को बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगे। इस पहल से न सिर्फ किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि पर्यावरण के लिहाज से भी यह एक सकारात्मक कदम है।मछली पालन और हैचरी की स्थापना
कृषि के साथ-साथ योगी सरकार मछली पालन के क्षेत्र में भी बड़ा निवेश कर रही है। परियोजना के अंतर्गत 2 से 3 विश्व स्तरीय हैचरी की स्थापना की जाएगी, जिससे मछली पालन को बढ़ावा मिलेगा और राज्य के मत्स्य पालकों की आय में वृद्धि होगी। साथ ही, मछली पालन में तकनीकी सहायता और उन्नत प्रजातियों की मछलियों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।काशी विश्वनाथ मंदिर में नई व्यवस्था लागू: बड़े दानदाताओं के लिए VVIP दर्शन और सम्मान
कृषि उत्पादकता में वृद्धि के लिए व्यापक कदम
यूपी एग्रीज परियोजना के तहत अगले पांच वर्षों में राज्य की प्रमुख फसलों की उत्पादकता में 30 से 50 प्रतिशत की वृद्धि के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए राज्य में आधुनिक कृषि उपकरण, बेहतर बीज और उन्नत खेती के तरीकों का प्रयोग किया जाएगा। साथ ही, किसानों को ऋण सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी, जिससे वे अपनी फसलों की पैदावार को बढ़ा सकें।किसानों को होंगे लाभ
योगी सरकार की यूपी एग्रीज परियोजना और जेवर एयरपोर्ट के पास एक्सपोर्ट हब स्थापित करने से प्रदेश के किसानों को कई महत्वपूर्ण लाभ मिलेंगे। इस परियोजना का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, कृषि उत्पादकता में सुधार करना और कृषि से जुड़े उद्योगों को प्रोत्साहित करना है। आइए जानते हैं, इस पहल से किसानों को कौन-कौन से प्रमुख लाभ होंगे:1. उच्च मूल्य वाले कृषि उत्पादों का निर्यात
जेवर एयरपोर्ट के पास स्थापित होने वाले एक्सपोर्ट हब के माध्यम से यूपी के किसान अपनी उच्च गुणवत्ता वाली फसलें, जैसे मूंगफली, काला नमक चावल, सब्जियां और तिल, वैश्विक बाजारों में निर्यात कर सकेंगे।निर्यात से किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
2. स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (SEZ) का फायदा
11 जिलों में कृषि उत्पादों के लिए स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (SEZ) स्थापित किए जाएंगे, जिससे किसानों को उनकी उपज का बेहतर बाजार और सपोर्ट मिलेगा।यह ज़ोन किसानों की उपज को सही तरीके से प्रोसेसिंग और पैकेजिंग में मदद करेंगे, जिससे उनकी फसलों की गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनी रहेगी।
3. क्लस्टर फार्मर्स ग्रुप और कॉमन फैसिलिटी सेंटर
करीब 30,750 क्लस्टर फार्मर्स ग्रुप बनाए जाएंगे, जिससे किसानों को संगठित तरीके से कृषि गतिविधियों में भाग लेने का मौका मिलेगा। इससे छोटे किसानों को भी बड़ा बाजार मिल सकेगा।कॉमन फैसिलिटी सेंटर किसानों को प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और निर्यात से संबंधित सुविधाएं प्रदान करेगा, जिससे वे सीधे निर्यात करने के योग्य बनेंगे।
4. उत्पादकता में वृद्धि
इस परियोजना के तहत किसानों को आधुनिक खेती के उपकरण, बेहतर बीज, और सिंचाई की उन्नत तकनीकों का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी उत्पादकता में 30-50% तक की वृद्धि होगी।उत्पादकता बढ़ने से किसानों की पैदावार में सुधार होगा और वे बाजार में अधिक से अधिक लाभ कमा सकेंगे।
5. जैविक खेती और कार्बन क्रेडिट से अतिरिक्त आय
योगी सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्बन क्रेडिट मार्केट की स्थापना करेगी। किसान अपनी जैविक फसलों से कार्बन क्रेडिट अर्जित कर सकेंगे, जिसे बाजार में बेचकर वे अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकेंगे।जैविक खेती पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद होगी, जिससे किसानों को सम्मानजनक पहचान भी मिलेगी।
6. ऋण सुविधाओं में सुधार
.किसानों को कृषि क्षेत्र में ऋण सुविधाओं में वृद्धि के लिए मदद मिलेगी, जिससे वे अपने कृषि उपकरण, बीज और सिंचाई के साधनों को उन्नत बना सकेंगे।.बेहतर ऋण सुविधाओं के चलते किसान अपनी खेती को और भी प्रभावी तरीके से चला सकेंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
7. स्थानीय मौसम स्टेशन से सटीक मौसम जानकारी
.स्थानीय मौसम स्टेशनों की स्थापना की जाएगी, जिससे किसानों को सही समय पर मौसम की सटीक जानकारी मिल सकेगी, इससे वे अपनी फसलों की बुआई और कटाई के समय को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकेंगे।इससे प्राकृतिक आपदाओं से बचने में भी मदद मिलेगी और फसलें कम नुकसान झेलेंगी।
8. मत्स्य पालन के क्षेत्र में लाभ
.2 से 3 विश्व स्तरीय हैचरी की स्थापना की जाएगी, जिससे मत्स्य पालन को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे किसानों को वैकल्पिक आय स्रोत के रूप में मछली पालन करने का मौका मिलेगा।.उन्नत प्रजातियों की मछलियों और मत्स्य पालन की तकनीकी सहायता से किसानों की आमदनी और बढ़ेगी।
9. कृषि उत्पादों को वैश्विक पहचान
.एक्सपोर्ट हब के जरिये यूपी के कृषि उत्पादों को वैश्विक बाजार में पहचान मिलेगी, जिससे राज्य के किसानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने उत्पाद बेचने का अवसर मिलेगा। इससे किसानों को अपनी मेहनत का सही मूल्य प्राप्त होगा और उनके उत्पादों की मांग भी बढ़ेगी।10. आर्थिक सुरक्षा और आत्मनिर्भरता
.यूपी एग्रीज परियोजना के तहत किसानों की आय में 25% तक की वृद्धि का अनुमान है, जिससे वे आर्थिक रूप से अधिक सशक्त बनेंगे।.किसानों को कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियों जैसे प्रोसेसिंग, निर्यात, और मार्केटिंग के जरिए आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा।