इन कैंपों को मजबूत बनाने के लिए स्टील के फ्रेम और लोहे की पाइप का उपयोग किया जा रहा है। सजावट और सुविधाओं पर खास ध्यान दिया जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव के साथ आराम भी मिले।
100 फीट ऊंचे प्रवेश द्वार और चमचमाते सेक्टर
महाकुंभ के आयोजन स्थल को कई सेक्टरों में विभाजित किया गया है, जो समुद्र कूप से साधु कुटी तक रोशनी और सजावट से जगमगाएंगे। खासतौर पर 100 फीट ऊंचे प्रवेश द्वार बनाए जा रहे हैं, जो भारतीय संस्कृति और विरासत का जीवंत उदाहरण पेश करेंगे। प्रवेश द्वारों की भव्यता और कलात्मकता श्रद्धालुओं को एक अद्भुत अनुभव प्रदान करेगी। यह महाकुंभ में आने वाले 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय स्मृति बनेंगे।
तेजी से हो रहा निर्माण कार्य
अरैल क्षेत्र में सबसे तेज गति से काम चल रहा है, जहां तीन थाने और एक सर्किट हाउस बनकर तैयार हो चुके हैं। झूंसी की पुलिस लाइन और अन्य परियोजनाओं का काम भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
7 अखाड़ों का घेरा तैयार हो चुका है, और 09 थानों तथा 05 चौकियों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। अधिकारियों द्वारा रात-दिन काम की निगरानी की जा रही है ताकि समय पर सभी व्यवस्थाएं पूरी हो सकें।
सुरक्षा और सुविधाओं पर विशेष ध्यान
वीआईपी कैंप और अन्य संरचनाओं को न केवल आकर्षक बल्कि टिकाऊ और सुरक्षित बनाया जा रहा है। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। महाकुंभ 2025 की इन तैयारियों से यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और भव्यता के मामले में भी दुनिया भर में प्रसिद्ध होगा।