उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है जिसने बिजली दरों में बिना किसी वृद्धि के यह कदम उठाया है। बिजली की दरों का निर्धारण इस बार 10.67 प्रतिशत लाइन हानियों के आधार पर किया गया है। इससे छोटे व्यवसायी और निम्न आय वर्ग के लोगों को आर्थिक राहत मिलेगी।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि आईटी उद्योग, स्टार्टअप और बाहरी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए भी बिजली की दरों को कम किया गया है। खासतौर पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों के लिए टैरिफ को और भी सुलभ बनाया गया है। यह राज्य के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी एजेंडा को बढ़ावा देगा और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन को प्रोत्साहित करेगा।
ग्रीन एनर्जी का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के लिए भी अच्छी खबर है। ग्रीन एनर्जी टैरिफ को 0.44 रुपये प्रति यूनिट से घटाकर 0.36 रुपये प्रति यूनिट कर दिया गया है। इससे उद्योगों को भी ग्रीन एनर्जी सर्टिफिकेट पर 15 से 20 प्रतिशत की कटौती का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी इनपुट कॉस्ट कम होगी और उन्हें आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। इस कदम से कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी और पर्यावरण संरक्षण में योगदान मिलेगा।
प्रदेश सरकार ने डिजिटल बिलिंग को भी बढ़ावा देने के उद्देश्य से उपभोक्ताओं को बिजली बिल ई-मेल, व्हाट्सएप या अन्य डिजिटल माध्यमों से प्राप्त करने का विकल्प दिया है। यह दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले उपभोक्ताओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद साबित होगा।
योगी सरकार ने यह भी घोषणा की है कि स्मार्ट मीटर कनेक्शन के लिए जुड़ने या काटने के 50 रुपये के शुल्क को समाप्त कर दिया गया है, जिससे उपभोक्ताओं को अतिरिक्त लाभ मिलेगा। इसके साथ ही, प्रदेश के ओपन एक्सेस उपभोक्ताओं के लिए क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज की दरों को भी यथावत रखा गया है, ताकि बिजली बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़े और उद्योगों को इसका लाभ मिले।
लगातार पांचवें साल बिजली की दरें स्थिर
योगी सरकार ने 3.48 करोड़ उपभोक्ताओं को राहत देते हुए बिजली की दरों में कोई वृद्धि न करने का ऐलान किया।
ग्रीन एनर्जी के प्रति बढ़ेगा रुझान
ग्रीन एनर्जी टैरिफ में कटौती से उद्योगों और पर्यावरण संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा।
इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग में सुलभता
इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग के टैरिफ को सस्ता करके राज्य के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी एजेंडा को प्रोत्साहन मिलेगा।