नदियों में नहीं होगा प्रतिमाओं का विसर्जन डीएम ने निर्देश दिए कि प्रतिमा का आकार ऐसा हो, जिससे शोभायात्रा और विसर्जन के दौरान कोई परेशानी न हो। एनजीटी के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रतिमाओं का विसर्जन नदियों में नहीं बल्कि विशेष रूप से खोदे गए गड्ढों में किया जाएगा। रावण के पुतलों में ऐसे पटाखों का उपयोग न करें, जो बहुत दूर तक जा सकें। आस-पास की आबादी को खतरे में डालें। मेला स्थलों पर बिजली की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें। आयोजकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि आयोजन स्थल पूरी तरह सुरक्षित हो। पटाखों की दुकानें केवल परमिशन, लाइसेंस और सेफ्टी गाइडलाइन के तहत ही लगाई जा सकेंगी, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सीसीटीवी लगायें, पंडालों से प्रभावित न हो ट्रैफिक अग्निशमन विभाग को निर्देश दिया गया कि वे उन स्थलों को चिन्हित करें जहां खाना बनाया जाता है और वहां सुरक्षा उपायों को लागू करें। आयोजकों को वालंटियर तैनात करने और उन्हें विशेष पहचान पत्र देने के निर्देश भी दिए गए। एसएसपी अनुराग आर्य ने कहा कि आयोजन स्थलों पर सीसीटीवी जरूर लगाये जायें। पंडाल इस तरह न लगे कि जिससे यातायात बाधित हो। आग से सुरक्षा के उपायों के लिए एक पम्फलेट तैयार कर सभी आयोजकों के बीच वितरित किया जाएगा। आयोजकों को आयोजन स्थल पर पानी, रेत और फायर सेफ्टी उपकरण रखने की सलाह दी गई। जनरेटर को सुरक्षित दूरी पर रखने और बिजली के तारों को पंडाल के ऊपर न लगाने पर जोर दिया गया।
रावण के पुतले में न हो पटाखों का इस्तेमाल बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि रावण के पुतले के आसपास 20 मीटर का खाली स्थान रखा जाए और उसकी बैरिकेडिंग कराई जाए। विसर्जन स्थलों पर पर्याप्त रस्सों और प्रकाश की व्यवस्था होनी चाहिए। रावण के पुतलों में हाई पावर पटाखों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिये। इससे आगजनी हो सकती है। साथ ही, किसी भी प्रकार की समस्या होने पर 112 पर तुरंत सूचना दी जा सकती है। इस बैठक में अपर जिलाधिकारी नगर सौरभ दुबे, सिटी मजिस्ट्रेट राजीव कुमार शुक्ला, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विश्राम सिंह, उप जिलाधिकारी सदर गोविंद्र मौर्य, एसपी सिटी मानुष पारीक, एसपी देहात मुकेश चंद्र मिश्र और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।