कुछ घंटों में उजड़ गया घर
शहीद कैप्टन अंशुमान की पत्नी स्मृति ने इमोशनल होते हुए बताया कि 18 जुलाई के दिन हम दोनों ने काफी देर तक फोन पर बात की। इस दौरान हम दोनों ने आगे 50 सालों के भविष्य को लेकर बात की। अपना घर और बच्चों के बारे में भी प्लान बनाया। पर जब 19 जुलाई को सुबह उठी तो उन्हें एक कॉल आया जिसके बाद उन्हें ऐसा लगा कि सब कुछ खत्म हो गया है। सुबह उन्हें खबर मिली कि उनके पति अब इस दुनिया में नहीं रहे।
सैनिकों को बचाते हुए दी शहादत
स्मृति उन पलों को याद करते हुए बताती हैं कि शुरू के 7 से 8 घंटे तक मुझे इस खबर पर यकीन ही नहीं कर पाई। आगे उन्होंने कहा, ‘मैं ये मानने के लिए तैयार ही नहीं थी कि ऐसा कुछ हो गया है। मगर आखिर में वह सब सच निकला। मैं अभी भी सोचती हूं कि क्या ये सब वाकई में हो गया है? मगर अब मेरे हाथ में कीर्ति चक्र है। ये सब सच है। वह वाकई हीरो थे। उन्होंने कई सैनिकों की जान बचाई और उनके साथ उनके परिवारों की जिंदगी भी बचाई।’