18वीं लोकसभा के दौरान जब सदन में सभी सांसद बैठेंगे, तो यूपी से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और डिंपल यादव के रूप में पति- पत्नी की जोड़ी सभी का ध्यान खींचेगी। अखिलेश यादव न सिर्फ पहली बार अपनी पत्नी के साथ लोकसभा में मौजूद रहेंगे बल्कि इस बार उनके तीन भाई भी बतौर सांसद सदन में उनके साथ रहेंगे।
संसद में साथ-साथ बैठेंगे अखिलेश और डिंपल
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी परंपरागत सीट कन्नौज सीट से सांसद चुने गए हैं। उनकी पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी सीट से जीतकर संसद पहुंची हैं। दोनों ने ही रिकॉर्ड वोटों के अंतर से चुनाव जीता है। इस लोकसभा चुनाव में सपा का शानदार प्रदर्शन रहा है। सपा ने उत्तर प्रदेश में 37 सीटों पर जीत दर्ज की है। इसके बाद अब अखिलेश यादव एक बार फिर राष्ट्रीय राजनीति में अपने कदम बढ़ाने जा रहे हैं।
अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट से दिया इस्तीफा
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव कन्नौज से सांसद चुने गए गए हैं। इसके बाद उन्हें विधानसभा और लोकसभा सीट में से किसी एक सीट का चुनाव करना था। उन्होंने करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है, जिससे साफ हो गया है कि वे अब राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति करेंगे। विधानसभा के प्रमुख सचिव कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अखिलेश यादव का इस्तीफा मिल गया है। उसे शीघ्र ही स्वीकार करने की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी। अखिलेश यादव यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं। ऐसे में आने वाले समय में यह पद किसे मिलेगा, यह देखने वाली बात होगी।
देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी सपा
अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। लोकसभा चुनाव में यूपी में सपा ने अकेले दम पर 37 और इंडिया गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस के साथ मिलकर कुल 43 सीटों पर जीत दर्ज की है। जानकारों का कहना है कि सपा के देश में तीसरे नंबर की बड़ी पार्टी बनने के बाद अखिलेश यादव का सपना पार्टी को राष्ट्रीय फलक तक पहुंचाने का है। यह दिल्ली से ही पूरा हो सकता है। सपा इससे पहले राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड जैसे राज्यों में चुनाव लड़ती रही है। लेकिन पार्टी को वो सफलता नहीं मिल सकी, जो वह चाहती थी।
इस कारण भी उन्होंने अपने कदम दिल्ली की ओर बढ़ाए हैं। इसके अलावा वह केंद्र में अपने दम पर खुद को विपक्ष का एक मजबूत नेता साबित करना चाहेंगे। उत्तर प्रदेश में 2027 के लिहाज से फोकस करेंगे और सरकार को घेर सकते हैं।