मामला हसनगंज कोतवाली क्षेत्र से जुड़ा है। 2010 से 2017 के बीच हुई डकैती, लूट, हत्या जैसे मामलों की 72 केस डायरी अदालत में जमा नहीं की गई। जिससे इन मामलों में आगे सुनवाई भी नहीं हो सकी। पीड़ित पक्ष लगातार पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगा रहे थे। लेकिन उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। इसी बीच एक पीड़ित हाई कोर्ट चला गया। जहां उसने अपनी बात रखीं। हाईकोर्ट के आदेश पर एसपी ने एएसपी को जांच के निर्देश दिए। 2 महीने की जांच के बाद यह मामला खुला।
हसनगंज कोतवाली प्रभारी राजेश सिंह ने बताया कि 2010 से 2017 के बीच दर्ज 72 मुकदमों की केस डायरी तैयार की गई थी। यह मामले हत्या, लूट, डकैती, छेड़छाड़, दहेज एक्ट, पशु क्रूरता अधिनियम, आर्म्स एक्ट, गुंडा, गैंगस्टर बलवा, चोरी आदि की है। जिनकी विवेचना के बाद केस डायरी तैयार की गई। सीओ कार्यालय से होते हुए केस डायरी एक बार फिर कोतवाली पहुंच गई।
हसनगंज कोतवाली में तैनात तत्कालीन हेड मुहर्रिर अशोक कुमार मिश्र ने दरोगा दिनेश कुमार मिश्रा को कोर्ट में दाखिल करने के लिए रिसीव करा दी। लेकिन दिनेश कुमार मिश्रा ने केस डायरी को कोर्ट में दाखिल नहीं किया। जिससे इन मामलों की सुनवाई आगे नहीं हो सकी।
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एएसपी की जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा
एएसपी की जांच रिपोर्ट के बाद पुलिस महकमे में हलचल है। उनकी कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लग रहा है। उच्च अधिकारियों ने भी अनदेखी की। यदि पीड़ित हाईकोर्ट ने पहुंचकर के यहां मामला आज भी ना खुलता। एसपी के आदेश के बाद हसनगंज कोतवाली में दरोगा दिनेश कुमार मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।