scriptमोटापा: भोजन का परित्याग और नमक की अधिकता दोनों खतरनाक, जानें क्या कहते हैं आयुर्वेदिक चिकित्सक | Obesity curse: Abandoning food dangerous, reduce with these tips of Doctor | Patrika News
उन्नाव

मोटापा: भोजन का परित्याग और नमक की अधिकता दोनों खतरनाक, जानें क्या कहते हैं आयुर्वेदिक चिकित्सक

Obesity curse मोटापा अभिशाप है। खानपान और जीवन शैली में आए परिवर्तन के कारण मोटापा बढ़ रहा है। डॉक्टर राजेश कुमार दीक्षित के अनुसार संतुलित आहार और दिनचर्या से मोटापा को कम कर सकते हैं। भोजन का परित्याग करके मोटापा कम करना खतरनाक है।

उन्नावNov 20, 2024 / 09:01 pm

Narendra Awasthi

वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर राजेश कुमार दीक्षित
Obesity curse जीवन शैली में परिवर्तन के कारण भोजन अधिक एवं व्यायाम कम हो रहा है। जिसके कारण मोटापा बढ़ रहा है। मोटापा केवल एक काॅस्मेटिक समस्या ही नहीं है, यह एक जटिल चिकित्सा स्थिति भी है। मोटापे का मुख्य कारण दोषपूर्ण चयापचय (Metabolism) है। चयापचय (भोजन खाने से लेकर भोजन पचने एवं आंतों से भोजन के सार भाग के अवशोषण तक की प्रक्रिया) से ही हम शरीर की प्रक्रियाओं को चलाने के लिए भोजन को ऊर्जा में बदलते हैं। जिला अस्पताल के डॉक्टर राजेश कुमार दीक्षित ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मोटापे के कारण शरीर में त्वचा के नीचे और कुछ आंतरिक अंगों के आस-पास बसा का अत्यधिक संचय होने लगता है। आयुर्वेद मतानुसार पंचभौतिक मानव शरीर सप्तधातुओं से निर्मित है।
यह भी पढ़ें
 

Sisamau By-election: सांसद डिंपल यादव बोली- सरकार के दबाव में प्रशासन अपनी ताकत का कर रहा दुरुपयोग

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में डॉ राजेश कुमार दीक्षित ने बताया कि यह सप्तधातुऐं (रस, रक्त, मास, मेद, अस्थि, मज्जा एवं शुक्र) एवं त्रिदोष (वात, पित एवं कफ) मानव शरीर में एक खास अनुपात में मौजूद होती हैं। इनका असंतुलन ही बीमारियों का कारण हो सकता है। बसा या मेद धातु शरीर में गर्मी पैदा करने एवं उसे बनाए रखने में मदद करता है। बसा के अवरोध के कारण भोजन की गति कोष्ठ तक सीमित हो जाती है। 

भोजन जल्दी पचने से भूख ज्यादा लगती है

डॉ दीक्षित ने बताया कि जिसके परिणामस्वरूप पाचन शक्ति और भोजन के अवशोषण में उत्तेजना आ जाती है। व्यक्ति भोजन को जल्दी पचा लेता है और अत्यधिक भोजन करने वाला बन जाता है। बसा के अनुपातहीन बढ़ने से मोटापा हो जाता है। बसा एवं मांसपेशियों के ऊतकों की अत्यधिक वृद्धि के कारण नितम्ब, पेट एवं स्तन लटकने लगते हैं। शरीर की बनावट शारीरिक विकास के अनुपात में असंगत हो जाती है।
जिला अस्पताल में मरीज को देखते डॉक्टर राजेश कुमार दीक्षित

मोटापा का मुख्य कारण क्या है? 

उन्होंने बताया कि मोटापे का कारण गलत खान-पान (मीठा, ठंडा, चिकनाई युक्त भोजन) एवं अत्यधिक खान-पान, व्यायाम न करना, संभोग से परहेज, दिन में सोना, मद्यपान, रजोनिवृत्ति, दवाओं का प्रभाव (side effects) एवं आनुवंशिकता है। मोटापे के कारण समय से पहले बुढ़ापा, खराब यौन प्रदर्शन, शरीर से दुर्गंध आना, अत्यधिक पसीना आना, परिश्रम करने पर सांस फूलना, अत्यधिक भूख लगना, थकान, कमजोरी इत्यादि होने लगती है। मोटापे के चरम रूप में obesity Hypoventilation Syndrome (OHV) एवं obstructive sleep Apnea (OSA) जैसे उपद्रव हो सकते हैं।

संतुलित आहार और दिनचर्या से मोटापा हो सकता है कम

मोटापे को ठीक करने के लिए मनोवैज्ञानिक चिकित्सा (सत्वावजय) पर जोर देना चाहिए । मरीज अधिकांश बीमारियों में स्वयं चिकित्सक की भूमिका निभा सकता है। मोटापा ठीक करना कोई “Herculean Task” नहीं है। संतुलित आहार, दिनचर्या पालन, उचित मानसिक एवं शारीरिक व्यायाम करके मोटापा से छुटकारा पाया जा सकता है। नियत समय पर उचित संतुलित आहार, सही समय पर निद्रा एवं सही समय पर मलत्याग करें।

भोजन का परित्याग खतरनाक

डॉ राजेश कुमार दीक्षित ने बताया कि भोजन का परित्याग कभी नहीं करना चाहिए। दिन में तीन बार थोड़ा-थोड़ा भोजन करने से भूख को नियंत्रित किया जा सकता है। लंघन चिकित्सा करें। अंधाधुंध उपवास से भुखमरी जैसी स्थिति पैदा होगी। जो निश्चित रूप से विनाशकारी सिद्ध होगी। लंबे समय तक भोजन में तेल या घी का पूरी तरह से अभाव उचित नहीं है। क्योंकि इससे Vitamin-A की कमी होगी। इससे आँखों की रोशनी प्रभावित होगी। 

नमक की अधिकता भी खतरनाक

उन्होंने बताया कि नमक की अधिकता से भी शरीर में पानी जमा हो सकता है। अपने आहार से कुछ समय के लिए सफेद चीनी एवं स्टार्च हटा दें। चीनी युक्त चाय, कॉफी या अन्य पेय पदार्थ का प्रयोग करना बंद कर दें। सफेद ब्रेड, केक, पेस्ट्री, बर्गर, पिज्जा, डेयरी उत्पादों, मिठाई, चीनी, कोल्ड ड्रिंक, शराब और गहरे तले हुए खाद्य पदार्थों से परहेज करें। मांसाहार का परित्याग करें । शारीरिक एवं मानसिक गतिविधियां बढाकर सक्रिय जीवन-यापन करें। परन्तु देर तक जागना फायदेमंद सिद्ध हो सकता है। 

विलासिता की दिनचर्या का करें परित्याग 

डॉक्टर राजेश दीक्षित ने बताया अत्यधिक विलासिता वाली दिनचर्या का परित्याग करें। साइकिलिंग मोटापा कम करने के लिए बहुत जरूरी है। ‌कफ को कम करने वाली तीक्ष्ण, बिना तेल घी वाले पेय एवं आहार का सेवन करें। सुखोष्ण जल में शहद डालकर सेवन करें। बासमती चावल, जौं, मूंग, कुलथी, हल्दी, कालीमिर्च, अदरख एवं सेंधा नमक का प्रयोग करें। कसैले, तीखे एवं कड़वे स्वाद वाली सब्जियों का प्रयोग करें।

कुशल चिकित्सक से सलाह ले

उन्होंने बताया कि आपके शरीर का प्रकार ही आपके स्वास्थ्य की कुंजी है और आपकी कमर की रेखा ही आपकी जीवन रेखा है। इसलिए स्वास्थ्य चेतना प्राप्त करें, आकृति चेतना नहीं। अगर उपरोक्त उपायों से भी मोटापा न कम हो तो किसी कुशल चिकित्सक से परामर्श करके ही औषधीय चिकित्सा करें। क्योंकि कभी कभी स्व-चिकित्सा भी हानिकारक हो सकती है।

Hindi News / Unnao / मोटापा: भोजन का परित्याग और नमक की अधिकता दोनों खतरनाक, जानें क्या कहते हैं आयुर्वेदिक चिकित्सक

ट्रेंडिंग वीडियो