जनपद में कुल 16 सीएचसी व पीएचसी
जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 16 सीएचसी और पीएचसी है। सीएमओ ने असोहा और फतेहपुर 84 स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी को बिना किसी नोटिस के हटा दिया। जिससे प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों में रोष व्याप्त हो गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज ने कहा कि कहा कि हम लोग लगातार ग्रामीण स्तर पर काम कर रहे हैं। लेकिन उनके कार्यों की समीक्षा इस प्रकार हो रही है। जैसे वह कोई कार्य नहीं कर रहे हैं और काम चोरी कर रहे हैं। उनके कार्यों की समीक्षा डीएम स्तर से तहसील स्तर तक के अधिकारियों द्वारा की जा रही है। समीक्षा के नाम पर उन लोगों का उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्हें अपने कामों के लिए समीक्षा के रूप में प्रूफ देना पड़ता है।
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डीएम व सीएमओ स्तर पर मिलती है धमकी
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने का मुख्य कारण यही है कि काम करने के बाद भी बार-बार हमें यह एहसास कराया जाता है कि हमारे काम ना करने की वजह से संक्रमण नियंत्रण से बाहर है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की तरफ से बार-बार धमकी दी जाती है कि अगर कार्य नहीं होगा तो आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल करा दिया जाएगा या आप के कार्यकाल के दौरान जो भी वित्तीय लेनदेन हुआ है उसकी जांच कराई जाएगी। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ तन्मय कक्कड़ ने स्वीकार किया कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों के सामूहिक इस्तीफे से वैक्सीनेशन सहित अन्य कार्य प्रभावित होंगे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के आने पर उन्हें इस्तीफा सौंप दिया जाएगा।