आदिम जाति कल्याण मंत्री ने कहा कि वनवासी सही मायनों में जल, जंगल और पर्यावरण के संरक्षक होते है। राज्य सरकार ने वनाधिकार अधिनियम में पूर्व में निरस्त वन भूमि के पट्टों की पुन: समीक्षा किये जाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी 15 सितम्बर तक पूर्व में काबिज वनवासियों को उनकी भूमि के पट्टे परीक्षण के बाद मान्य कराने में प्रभावी कार्यवाही करें। बैठक में बताया गया कि भोपाल संभाग में 9 हजार 200 निरस्त दावों में से 1592 दावों को परीक्षण के बाद मान्य किया गया है। नर्मदापुरम् संभाग में 8 हजार 300 दावों मे से 656 दावें मान्य किये गये है। सागर संभाग में 16 हजार 800 दावों में से 2380 दावें जिला स्तर पर गठित समिति द्वारा मान्य किये गये है।