एल कृष्णमूर्ति ने 10 हाथियों की मौत पर पीएम रिपोर्ट के हवाले से बयान दिया है। उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में कोदो की फसल अधिक मात्रा में खाने से हाथियों की मौत हुई है। हालांकि सागर, जबलपुर और नागपुर की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। जिसके बाद पूरी तरह से खुलासा हो सकेगा।
यह भी पढ़ें- साइबर ठगी पर कसेगी नकेल, सीएम मोहन यादव ने अधिकारियों को दे दिए अहम निर्देश ग्रामीणों के लिए एडवाइजरी जारी
कृष्णमूर्ति के अनुसार, हमने ग्रामीणों के लिए भी एक एडवाइजरी जारी की है। लोगों को कोदो की फसल के बारे में बताया जाएगा और जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। घटना के बाद वन विभाग ने कोदो की फसल कहां-कहां है, इसपर भी सर्वे कराया है। विशेष रूप से हाथियों के विचरण वाले इलाके में सर्वे कराया गया है। 2 हजार एकड़ तक कोदो की फसल की खेती हुई है। जहां जहां पर फसल लगी हुई है वहां पर गश्ती करवाई जा रही है। अलग-अलग टीमों को एक्टिव किया गया है। संबंधित क्षेत्र में हाथियों का मूवमेंट होने पर उन्हें वहां से दूर किया जाएगा।
कर्नाटक और तमिलनाडु जाएगी एमपी वन विभाग की टीम
वहीं उन्होंने बताया कि अगले वर्ष कोदो की फसल जब पक जाएगी तो उस वक्त हाथी उसे न खाएं, ये भी सुनिश्चित किया जाएगा। जिन हाथियों के झुंड में से 10 की मौत हुई है, उनमें 3 तीन हाथी बचे हैं। तीनों हाथी जो अभी कम उम्र के हैं। उनमें से एक कटनी की तरफ मूव हुआ है। हालांकि, वन विभाग उसकी लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है। मध्य प्रदेश वन विभाग की टीम कर्नाटक और तमिलनाडु जाएगी। वहां, जाकर टीम देखेगी किस तरीके से लोग हाथियों के साथ रहते हैं। फिर उसके बाद मध्य प्रदेश में भी इसे अप्लाई किया जाएगा। यह भी पढ़ें- दर्द से तड़पती रही गर्भवती, कई कॉल किए, घंटों बाद भी नहीं आई 108 एम्बुलेंस, बाइक से ले जाते वक्त बीच सड़क पर हुई डिलीवरी 10 हाथियों की हुई मौत
बता दें कि उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक एक करके तीन दिनों के भीतर 10 हाथियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लापरवाही बरतने वाले दो अधिकारियों को सस्पेंड भी कर दिया था। फिलहाल, हाथियों की मौत के मामले की अगली तीन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ जांच दल की ओर से मौत के कारणों की स्पष्ट रिपोर्ट पेश की जाएगी।