scriptबांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत पर बड़ा अपडेट, PM रिपोर्ट में सामने आई मौत की वजह | Big update on 10 elephants death case in Bandhavgarh Tiger Reserve first postmortem report reveal death reason | Patrika News
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बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत पर बड़ा अपडेट, PM रिपोर्ट में सामने आई मौत की वजह

10 Elephants Death Case : एपीसीसीएफ एल. कृष्णमूर्ति के अनुसार, शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मरने वाले सभी हाथियों की मौत का कारण कोदो फसल को खाना बताया है। हालांकि, ये इस मामले की पहली रिपोर्ट है। वहीं, सागर, जबलपुर और नागपुर से स्पष्ट पीएम रिपोर्ट आना अभी बाकी है।

उमरियाNov 06, 2024 / 04:59 pm

Faiz

10 Elephants Death Case
10 Elephants Death Case : मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के अंतर्गत आने वाले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बीते दुनों हुई 10 हाथियों की मौत के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। एपीसीसीएफ एल. कृष्णमूर्ति के अनुसार, शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि मरने वाले सभी हाथियों की मौत कोदो की फसल खाने से हुई है। हालांकि, अबतक इस मामले में एक ही रिपोर्ट मिली है। वहीं, सागर, जबलपुर और नागपुर से स्पष्ट पीएम रिपोर्ट आना अभी बाकी है। जल्द तीनों जगह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर हाथियों की मौत के स्पष्ट कारण का पता चल सकेगा।
एल कृष्णमूर्ति ने 10 हाथियों की मौत पर पीएम रिपोर्ट के हवाले से बयान दिया है। उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में कोदो की फसल अधिक मात्रा में खाने से हाथियों की मौत हुई है। हालांकि सागर, जबलपुर और नागपुर की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। जिसके बाद पूरी तरह से खुलासा हो सकेगा।
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ग्रामीणों के लिए एडवाइजरी जारी

कृष्णमूर्ति के अनुसार, हमने ग्रामीणों के लिए भी एक एडवाइजरी जारी की है। लोगों को कोदो की फसल के बारे में बताया जाएगा और जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। घटना के बाद वन विभाग ने कोदो की फसल कहां-कहां है, इसपर भी सर्वे कराया है। विशेष रूप से हाथियों के विचरण वाले इलाके में सर्वे कराया गया है। 2 हजार एकड़ तक कोदो की फसल की खेती हुई है। जहां जहां पर फसल लगी हुई है वहां पर गश्ती करवाई जा रही है। अलग-अलग टीमों को एक्टिव किया गया है। संबंधित क्षेत्र में हाथियों का मूवमेंट होने पर उन्हें वहां से दूर किया जाएगा।

कर्नाटक और तमिलनाडु जाएगी एमपी वन विभाग की टीम

वहीं उन्होंने बताया कि अगले वर्ष कोदो की फसल जब पक जाएगी तो उस वक्त हाथी उसे न खाएं, ये भी सुनिश्चित किया जाएगा। जिन हाथियों के झुंड में से 10 की मौत हुई है, उनमें 3 तीन हाथी बचे हैं। तीनों हाथी जो अभी कम उम्र के हैं। उनमें से एक कटनी की तरफ मूव हुआ है। हालांकि, वन विभाग उसकी लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है। मध्य प्रदेश वन विभाग की टीम कर्नाटक और तमिलनाडु जाएगी। वहां, जाकर टीम देखेगी किस तरीके से लोग हाथियों के साथ रहते हैं। फिर उसके बाद मध्य प्रदेश में भी इसे अप्लाई किया जाएगा।
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10 हाथियों की हुई मौत

बता दें कि उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक एक करके तीन दिनों के भीतर 10 हाथियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लापरवाही बरतने वाले दो अधिकारियों को सस्पेंड भी कर दिया था। फिलहाल, हाथियों की मौत के मामले की अगली तीन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ जांच दल की ओर से मौत के कारणों की स्पष्ट रिपोर्ट पेश की जाएगी।

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