आयवीआरआई की रिपोर्ट में हाथियों की मौत की वजह सामने आ गई है। इसके अनुसार हाथियों के विसरा में साइ क्लोपियाज़ोनिक एसिड प्राप्त हुआ है। नाइट्रेट-नाइट्राइट, भारी धातुओं के साथ-साथ ऑर्गनों-फॉस्फेट ऑर्गनो-क्लोरीन, पाइरेथ्रोइड और कीटनाशकों के कार्बामेट समूह की उपस्थिति के लिए निगेटिव पाई गई है।
अपर मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव कृष्णमूर्ति का कहना है कि सेंपल में पाए गए साइ क्लोपियाज़ोनिक एसिड की विषाक्तता का वास्तविक आकलन अभी और किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आयवीआरआई ने अपनी रिपोर्ट में आसपास के क्षेत्रों में ध्यान रखने के लिए एडवायजरी भी जारी की है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा इसका पालन कराया जाएगा।
बता दें कि हाथियों की मौत के बाद एसटीएसएफ प्रमुख और उनकी टीम ने घटनास्थल से 5 किमी के दायरे में व्यापक छानबीन की थी। यहां से धान, कोदो, पानी के नमूने जांच के लिए स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फोरेंसिक एंड हेल्थ (एसडब्ल्यूएफएच) जबलपुर भेजे गए। प्रारंभिक साक्ष्यों और पोस्टमॉर्टम के आधार पर पशु चिकित्सकों ने हाथियों की मौत की वजह विषाक्त कोदो का सेवन ही बताई थी।
वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) नई दिल्ली ने मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की है। राज्य सरकार द्वारा भी मामले की जांच के लिए प्रदेशस्तरीय समिति का गठन किया गया है।