इस विशेष पाठ्यक्रम को विक्रम विवि की सहायक प्राध्यापक लोक प्रशासन डॉ. मेघा पांडेय ने तैयार किया है। उन्हें इसके लिए आठ माह का समय लगा। इस पाठ्यक्रम के बाद देशभर के छात्रों को पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों में रोजगार का लाभ होगा तो निजी एजेंसियों में भी नौकरी पा सकेंगे। वहीं, विवि भी यह प्रयास कर रहा है कि पुलिस विज्ञान पाठ्य़क्रम करने वाले छात्रों को पुलिस भर्ती के दौरान कुछ रियायत मिले, इसके लिए सरकार को भी पत्र लिखा जाएगा। यह एक तरह से पुलिस की प्री-ट्रेनिंग की तरह रहेगा।
अगस्त से इस पाठ्यक्रम में प्रवेश मिलेगा और सितंबर से कक्षाएं शुरू होंगी। सहायक प्राध्यापक डॉ. पांडेय ने बताया कि यह कोर्स 3 वर्ष का है, चौथे वर्ष शोध (रिसर्च) के साथ स्टडी होगी। इसके बाद छात्र चाहे तो स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकेंगे। पुलिस विज्ञान कोर्स में अपराध शास्त्र, भारतीय कानून संहिता, पुलिस थाना प्रबंधन, अपराध मनोविज्ञान, सामुदायिक पुलिसिंग, निजी सुरक्षा एजेंसी प्रबंधन व फोरेंसिंक विज्ञान आदि शामिल रहेंगे।
विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय बताते हैं कि पुलिस विज्ञान पाठ्यक्रम पुलिस भर्ती के लिए प्री ट्रेनिंग जैसा होगा, हम तो यह भी चाहते हैं कि पुलिस विज्ञान कोर्स करने वालों को भर्ती में कुछ रियायत मिले। यह हमारी नई सोच है, जिसे साकार करने की कोशिश की है। सितंबर से इसे शुरू कर देंगे, विक्रम विवि 12वीं के बाद पुलिस विज्ञान पाठ्यक्रम का संचालन करने वाला पहला विवि है।