इसके स्वीप प्लान अंतर्गत विभिन्न गतिविधियां भी की जा रही हैं। पिछले चुनाव में 75.42 प्रतिशत मतदान हुआ था। प्रयास है कि इस बार के चुनाव में यह आंकड़ा और बढ़ेगा। बता दें कि कुछ चुनाव को छोड़ दिया जाए तो, मतदान का प्रतिशत चुनाव दर बढ़ा है।
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उज्जैन-आलोट सीट पर अब तक लोकसभा के कुल 17 चुनाव हुए हैं। इस दौरान भले ही मतदाताओं की भागीदारी लगातार बढ़ती रही हो लेकिन प्रत्याशी किसी न किसी राजनीतिक दल का ही जीता है। मसलन 68 वर्ष में उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र की जनता कभी किसी निर्दलीय प्रत्याशी को दिल्ली की कुर्सी पर नहीं बिठाया है। यह स्थिति तब है जब इस संसदीय सीट पर किसी चुनाव में 5 तो किसी में 25 फीसदी तक केंडिडेट मैदान में उतर चुके हैं।
वर्ष | प्रतिशत |
1951 | 37.98 |
1957 | 44.06 |
1962 | 51.11 |
1967 | 66.37 |
1971 | 57.34 |
1977 | 67.78 |
1980 | 59.89 |
1984 | 63.94 |
1989 | 57.02 |
वर्ष 1991 | 49.23 |
1996 | 58.47 |
1998 | 61.38 |
1999 | 60.82 |
2004 | 57.97 |
2009 | 52.76 |
2014 | 66.63 |
2019 | 75.42 |