मेडिकल वार्ड में ज्यादातर मरीजों को जमीन पर लेटाकर उपचार देना पड़ता है
उज्जैन•Mar 06, 2018 / 12:25 am•
Lalit Saxena
District Hospital,number of patients,
उज्जैन. मेडिकल वार्ड में ज्यादातर मरीजों को जमीन पर लेटाकर उपचार देना पड़ता है। वार्ड में बेड की संख्या से दोगुने मरीजों के चलते इस प्रकार की स्थिति देखने को मिलती है। इसके चलते जिला अस्पताल प्रबंधन ने मेडिकल और आईसीयू वार्ड की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। जल्द ही जिला अस्पताल में चार मेडिकल और दो आईसीयू वार्ड संचालित किए जाएंगे।
जिला अस्पताल में वर्तमान में दो मेडिकल वार्ड संचालित किए जाते हैं, जिसमें महिलाओं और पुरुषों को अलग-अलग वार्ड में उपचार दिया जाता है। दोनों वार्ड ५०-५० बेड के हैं। इसके चलते जिला अस्पताल में एक समय में १०० मरीजों को ही बेड उपलब्ध हो पाते हैं। इससे अधिक मरीज आने पर उन्हें जमीन पर गद्दा बिछाकर उपचार दिया जाता है। इस कारण वार्ड में अव्यवस्थाएं फैलती हैं। जिला अस्पताल के मेडिकल वार्ड में ज्यादातर मरीजों की संख्या क्षमता से डेढ़-गुना रहती है। मौसमी बीमारियों के समय ये संख्या ढाई गुना तक पहुंच जाती है, जिसके चलते मरीजों को अन्य वार्डांें में भर्ती कर उपचार दिया जाता है। अन्य वार्डों में मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉक्टर का राउंड नहीं हो पाता है। इन्हीं सब परेशानी का देखते हुए जिला अस्पताल प्रबंधन ने मेडिकल वार्ड की संख्या दोगुनी करने का निर्णय लिया है। प्रथम तल पर संचालित ईएनटी और एफ वार्ड को कम मरीज संख्या के चलते सर्जिकल और एफ वार्ड में मर्ज किया जाएगा। ईएनटी और एफ वार्ड में क्रमश: महिला एवं पुरूष मेडिकल वार्ड को संचालित किया जाएगा।
ब्लड बैंक में बनेगा आईसीयू वार्ड
पुरानी ब्लड बैंक का भवन लंबे समय से रिक्त पड़ा हुआ है। वर्तमान में जिला अस्पताल में २० बेडेड आईसीयू संचालित किया जाता है, लेकिन यहां आने वाले गंभीर मरीजों की संख्या इससे अधिक रहती है। इस वजह से मरीजों को रेफर करना पड़ता है। आईसीयू में ज्यादातर हार्ट अटैक और कार्डिएक पैशेंट को भर्ती रखा जाता है। ब्लड बैंक के भवन में अतिरिक्त २० बेडेड का आईसीयू विकसित करने की योजना है, जिसके लिए संसाधन जुटाए जा रहे हैं।
माधव नगर में शिफ्ट हो ईएनटी तो कम हो परेशानी
माधवनगर अस्पताल में वर्तमान में आई वार्ड संचालित किया जा रहा है। यहां आई संबंधी गंभीर सर्जरी भी की जाती है। यदि ईएनटी वार्ड को माधव नगर में शिफ्ट किया जाए तो मरीजों को अधिक लाभ पहुंचेगा। क्योंकि यहां संचालित अस्थि वार्ड में मरीजोंं को उपचार कम परेशानी अधिक उठाना पड़ रही है।
ईएनटी और एफ वार्ड को करेंगे मर्ज
ईएनटी और एफ वार्ड में मरीजों की संख्या बेहद कम रहती है। जिस वजह से इन वार्डों में रिक्त बेड का उपयोग नहीं हो पाता है। इन बेड का उपयोग मरीजों के लिए किया जाएगा। इसके लिए दोनों वार्डों का अन्य वार्ड में मर्ज कर यहां मेडिकल वार्ड संचालित किए जाएंगे। ताकि मरीजों को जमीन पर लेटाकर उपचार नहीं देना पड़े।
डॉ.राजू निदारिया, सिविल सर्जन
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