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जेल प्रबंधन का दावा- हार्ट अटैक से हुई मौत
जैसे ही साथी पुलिसकर्मी सुदेश का शव लेकर करीब 2 बजे उनके घर पहुंचे तो, सिपाही सुदेश की पत्नी हैरान रह गई। परिवार का रो रो कर बुरा हाल है। फिलहाल, सिपाही का अंतिम संस्कार चक्रतीर्थ श्मशान घाट पर कर दिया गया है। आपको बता दें कि, जहरीली शराब कांड मामले में आरोपी मानते हुए बर्खास्त किये गए सिपाही सुदेश खोड़े की बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात करीब 3 बजे भैरवगढ़ सेंट्रल जेल में मौत हो गई थी। जेल प्रशासन ने बताया कि, सुदेश की मौत का कारण हार्ट अटैक था। रात करीब 2.40 बजे उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत बताई थी, जिसपर जेल प्रबंधन की ओर से उन्हें तुरंत उपचार के लिये अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
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जब सुदेश के साथी सिपाही ने कहा- बेटा अब तुम्हें ही मम्मी और दीदी का ख्याल रखना है
पुलिस के बुलावे पर सुदेश के बेटे को इंदौर के अस्ताल बुलाया गया। सुबह करीब 11 बजे सुदेश के 14 वर्षीय बेटे को पोस्टमार्टम हाउस ले जाया गया। उसे समझ नहीॆ आ रहा था कि, आखिरकार यहां हो क्या रहा है। इस दौरान भी किसी पुलिसकर्मी के लिये बच्चे को पूरा सच बताना संभव न हो सका। इस दौरान सिपाही सुदेश के बेटे ने ही साथी पुलिसकर्मियों से सवाल किया कि, अंकल यहां क्या हो रहा है? उन्होंने उस दौरान भी बच्चे को सिर्फ यही बताया कि, पापा का इलाज चल रहा है। इस दौरान सिपाही मनीष यादव ने रोते हुए बच्चे को बताया कि, बेटा अब तुम्हें ही मम्मी और दीदी का ख्याल रखना है। हालांकि, सिपाही की बात से भी बच्चे को कुछ समझ नहीं आ सका।
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जब घर पहुंचा शव तब परिवार को हुआ मौत का अहसास
पोस्टमार्टम के बाद दोपहर करीब 2 बजे सुदेश का शव जब एंबुलेंस के जरिये बाल्मिकी नगर स्थित उनके घर पर पहुंची, तब परिवार को सुदेश की मौत का अहसास हुआ। घर पर शव पहुंचते ही परिवार में हाहाकार मच गया। देखते ही देखते पड़ोसी भी इकट्ठे हो गए। एंबुलेंस से पति की बॉडी निकलती देख पत्नी बेहोश हो गई। जैसे तैसे परिवार के लोगों ने उन्हें संभाला। बच्चे भी शव से लिपटकर रोने-बिलखने लगे। सुदेश के ससुराल के लोग भी यहां आ पहुंचे थे। सिपाही की मौत से गमजदा परिवार और इलाके के लोग भी रोत हुए दिखाई दिये।
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प्रशासन ने बनाया था घर तोड़ने का दबाव, तब किया था सुदेश ने सरेंडर
शराब कांड में आरोपी सिपाही सुदेश फरार हो गया था। सुदेश के करीबियों का मानना है क, फरारी के दौरान वो खुद को निर्दोष साबित करने साक्ष्य जुटा रहा था। पुलिस सूत्रों की मानें तो, इस बीच वो पुलिस अधिकारियों से भी संपर्क में था। अधिकारियों को भी इस बात का यकीन था कि, इस तरह के कांड में सुदेश का हाथ नहीं हो सकता, लेकिन ऊपर से बन रहे दबाव के चलते फरार सिपाही पर इनाम घोषित करना पड़ा। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने भी कई बार उसपर सरेंडर करने का दबाव बनाया। जब वो हाजिर नहीं हो रहा था, तो उसका मकान ढहाने का दबाव बनाया गया। इसपर 25 नवंबर को सुदेश ने सरेंडर कर दिया। हालांकि, पुलिस ने लक्ष्मीनगर में उसकी गिरफ्तारी दर्शाई।
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