जागरूकता ने बचाया, अपनी डिटेल शेयर न करें
बैंक के कस्टमर केयर का कर्मचारी बन एक व्यक्ति ने नानाखेड़ा निवासी रवि के मोबाइल पर ओटीपी भेजा कि आप बैंक के कस्टमर असिस्ट पोर्टल पर लॉगिन करें, लेकिन रवि ने कोई रिस्पांस नहीं दिया। थोड़ी देर बाद कस्टमर केयर से फोन आया कि आपका पुराना क्रेडिट कार्ड आपने बंद करवा था लेकिन वह बंद नहीं हुआ है। इसलिए उस पर 1998 रुपए का चार्ज लग गया है। इसे बंद करवाने के लिए आपको बैंक से एनओसी लेना पड़ेगी। कर्मचारी ने बताया मैंने एक लिंक आपको भेजी है उसे पर अपनी और कार्ड की डिटेल भेज दें। रवि ने पूछा मैं अपनी डिटेल शेयर क्यूं करूं तो कर्मचारी ने कहा आप बैंक से कर सकते हैं तभी आपका चार्ज केंसल होगा। रवि ने इस पर लिंक खोल ली और नाम, जन्म दिनांक की डिटेल भर दी। अगले पेज पर कार्ड नंबर और सीवीवी भरने पूछा गया तो रवि को संदेह हुआ और रवि ने डिटेल नहीं भरी। तब कर्मचारी ने बहस की और फोन काट दिया। इस तरह रवि के सीवीवी नंबर नहीं देने पर वह फ्रॉड से बच गया।
बैंक अधिकारी बनकर करते हैं फोन
बैंक कभी भी खाताधारक से उसके खाते या क्रेडिट कार्ड की जानकारी नहीं मांगता, रिजर्व बैंक इसकी जानकारी प्रचार -प्रसार के माध्यम से वर्षों से दे रहा है। इसके बाद भी लोग जागरूक नहीं हो रहे और ठगों का शिकार बन रहेे हैं। शुक्रवार को महाशक्ति नगर की बैंक कॉलोनी में रहने वाले शासकीय कर्मचारी इसी तरह की ठगी का शिकार हो गए और उनके खाते से 1.54 लाख रुपए निकल गए। मामले में देवासगेट पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया है। देवासगेट पुलिस ने बताया कि पुनीत कुमार पिता जयराम अवस्थी निवासी बैंक कॉलानी महाशक्ति नगर शासकीय कर्मचारी हैं। शुक्रवार दोपहर में उन्हें किसी ठग ने बैंक अधिकारी बन वाट्सऐप कॉल किया और क्रेडिट कार्ड की जानकारी मांग ली। ठग ने उनके मोबाइल पर आया ओटीपी भी ले लिया। जैसे ही ओटीपी आरोपी को दिए कुछ ही देर में उनके खाते से 1.54 लाख रुपए गायब हो गए। पुलिस ने बताया पीड़ित के साथ जब घटना हुई तब देवासगेट चौराहा पर खड़े थे, यहीं उन्होंने ठग से बात की थी और उसके 5 मिनट बाद खाते से रुपए गायब हो गए।
इनका भी रखें ध्यान
लिंक्स पर न करें क्लिक
अक्सर कुछ लोगों को वॉट्सऐप या ईमेल पर भारी डिस्काउंट के ऑफर वाले मैसेज आते हैं। एक लिंक भी अटैच होती है जिस पर क्लिक करते ही आकर्षक डिस्काउंट वाले प्रोडक्ट को खरीदने को कहा जाता है। अगर आपके पास भी ऐसी लिंक्स आए हैं तो उस पर क्लिक न करें। यह किसी शातिर फ्रॉड की आपको फंसाने के लिए चाल हो सकती है। उस लिंक पर क्लिक करने से क्लोन वेबसाइट ओपन होगी जो असली जैसी लगती है।
-जितेन्द्र सिंह, एसपी, स्टेट साइबर सेल