महाकाल की नगरी उज्जैन कहलाएगा ‘मेडिकल हब’, देशभर को मिलेंगी सुविधाएं
Ujjain News: मेडिसिटी अंतर्गत शासकीय मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल के साथ निजी अस्पताल निर्माण को भी मिल सकता है प्रोत्साहन, कुछ वर्षों में क्षेत्र मेडिकल का बड़ा हब नजर आएगा
Ujjain Medical Hub: मेडिसिटी के कारण आगररोड की पहचान बदल सकती है। भविष्य में इस रोड के मेडिकल स्ट्रीट के रूप में नजर आने की संभावना है। ऐसी मेडिकल स्ट्रीट जिसके आसपास कई अस्पताल और 1500 से ज्यादा बेड उपलब्ध रहेंगे। प्रदेश और देश को बड़ी स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए उज्जैन तैयार हो रहा है।
इसकी शुरुआत हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मेडिसिटी का भूमिपूजन कर कर दी है। प्रथम चरण में इस मेडिसिटी में शासकीय मेडिकल कॉलेज और 550 बिस्तर का अस्पताल तो बनेगा ही, भविष्य में यह मेडिसिटी अपना दायरा और भी बढ़ाएगी। भूमिपूजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने इसके संकेत भी दिए हैं। उन्होंने भविष्य में 1500 से ज्यादा हॉस्पिटल बेड उपलब्ध होने की बात कही है। ऐसे में संभावना है कि इसमें सरकारी अस्पतालों के साथ ही निजी भागीदारी को भी प्रोत्साहित किया जा सकता है।
मेडिसिटी से अभी आगररोड पर 1300 बेड उपलब्ध होंगे
चरक भवन में जिला अस्पताल शिफ्ट होने के बाद अभी चरक में करीब 750 बेड उपलब्ध हो गए हैं। मेडिसिटी में 550 बेड का टीचिंग हॉस्पिटल बनेगा। इसके निर्माण से आगररोड पर दो अस्पतालों में करीब 1300 बेड उपलब्ध हो जाएंगे।
सिंहस्थ बाद मेडिसिटी विस्तारीकरण में आसपास और निजी या सरकारी अस्पाल बनने के बाद बेड की संख्या 1500 से ज्यादा हो जाएंगी।
1872 में चिकित्सा सुविधा के लिए आरक्षित
भूमिपूजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया था कि जहां मेडिसिटी बन रही है (आगररोड जिला अस्पताल क्षेत्र) यह क्षेत्र वर्ष 1872 में चिकित्सा सुविधा के लिए आरक्षित था। बाद में आसपास मिल स्थापित हुई। ऐसे में भविष्य में मेडिसिटी बनने और इसके विस्तारीकरण से करीब 155 वर्ष बाद फिर इस क्षेत्र के आरक्षण का उद्देश्य पूरा होगा।
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