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उज्जैन

लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई, पूर्व मंत्री सहित ये पीडब्ल्यूडी के 8 अधिकारी भी फंसे

पीडब्ल्यूडी और सांख्यिकी विभाग के आठ अधिकारी भी जद में आए…निजी हितों के लिए 1.5 करोड़ की विधायक निधि की थी खर्च, शासकीय भूमि पर कब्जे की भी शिकायत…

उज्जैनFeb 07, 2024 / 11:30 am

Sanjana Kumar

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पांड्याखेड़ी स्थित जमीन पर दीवार बनाने की शिकायत की गई।

पूर्व मंत्री पारसचंद्र जैन सहित लोक निर्माण विभाग के आठ अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में केस दर्ज किया। भाजपा से उज्जैन उत्तर के छ: बार विधायक रहे पारस जैन के खिलाफ लोकायुक्त में केस दर्ज होने के बाद राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई।

लोकायुक्त बसंत श्रीवास्तव के अनुसार देवास के रहने वाले दिनेश चौहान ने शिकायत की कि जैन ने पद का दुरुपयोग कर पांड्याखेड़ी में 15 बीघा सीलिंग की जमीन को पत्नी अंगुरबाला जैन, भाई विमल कुमार जैन की पत्नी संगीता जैन के नाम करवा लिया, जिसे 80 लाख रुपए में खरीदना बताया है। साथ ही पास की शासकीय भूमि पर भी कब्जे की शिकायत की है। विधायक निधि से डेढ़ करोड़ से ज्यादा के काम कर शासकीय विधायक निधि का दुरुपयोग कर शासन को नुकसान पहुंचाया। इस भ्रष्टाचार में लोक निर्माण विभाग के अधिकारी शामिल थे। आरोपियों के खिलाफ लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज किया है।

इन आरोपियों के खिलाफ केस

तत्कालीन विधायक पारसचंद्र जैन, तत्कालीन अधीक्षण यंत्री राजेन्द्र कुमार जैन, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री जीपी पटेल, अनुविभागीय अधिकारी पीडब्ल्यूडी सीमा सागर, अनुविभागीय अधिकारी संदीप बेनीवाल, उपयंत्री शरद त्रिपाठी, कार्यपालन यंत्री गौतम अहिरवार और जिला सांख्यिकी अधिकारी डॉ. राजश्री सांकले के खिलाफ धारा 7, 13(1)ए, 13(2) भ्रष्टाचार अधिनियम सहित 420, 120बी, के तहत केस दर्ज किया है।

षड्यंत्र: जहां दीवार बनवाई, उससे किसी को लाभ नहीं

महत्वपूर्ण यह कि जिस भूमि को सुरक्षित करने के लिए दीवार निर्माण किया, उससे किसी को लाभ नहीं है। जैन ने प्रपोजल में जनहित का कारण बताकर राशि स्वीकृत करवाई। इससे साफ है, पूर्व मंत्री पारस जैन ने षड्यंत्रपूर्वक भ्रष्टाचार को अंजाम दिया। निरीक्षक बंसत श्रीवास्तव के अनुसार जांच में लोक निर्माण विभाग से मिले दस्तावेज में ऐसे कोई पत्र नहीं मिले हैं, जिससे की यह सिद्ध हो कि विभाग ने हल्का, पटवारी या तहसीलदार से नाले की भूमि संबंधित दस्तावेज की मांग की। पीडब्ल्यूडी द्वारा आनलाइन खसरे की नकल निकाल दस्तावेज में शामिल कर लिया। शासकीय नाले की भूमि सम्बंधी कोई सत्यापन नहीं किया गया था।

जांच में भ्रष्टाचार आया सामने…

– पहले 89 लाख फिर 99 लाख स्वीकृत कराएपांड्याखेड़ी में सीलिंग की 15 बीघा जमीन को कॉटन मर्चेंट और शैक्षणिक एवं परमार्थिक न्यास के नाम से 80 लाख रुपए में खरीदना बताया।

– 2020-21 में 89.18 लाख रुपए से पुल की सुरक्षा दीवार, लम्बाई 230 मीटर में से 75 मीटर की सुरक्षा दीवार बनवाने के लिए विधायक निधि का उपयोग किया गया। निर्माण एजेंसी पीडब्ल्यूडी को बनाया था। इसके बाद 80 मीटर दीवार के लिए साल 2021-22 में 99.90 लाख रुपए की दोबारा विधायक निधि से स्वीकृति कराई गई। इसके लिए भी पीडब्ल्यूडी को निर्माण एजेंसी नियुक्त किया। इसके लिए कलेक्टर सहित सांख्यिकी विभाग से अनुशंसा दिलवाई गई। इस स्वीकृति के लिए 31 मार्च 2022 को पीडब्ल्यूडी को निर्माण एजेंसी बनाया गया।

2023-24 में वार्ड 4 के पिंग्लेश्वर मार्ग पील्याखाल नाले पर पुल सुरक्षा स्थाई पक्की दीवार 174.20 से 204.70 मीटर के निर्माण के लिए 44.76 लाख रुपए स्वीकृत किए गए। इसमें कलेक्टर, योजना एवं सांख्यिकी, सम्राट विक्रमादित्य प्रशासनिक संकुल भवन से आदेश जारी करवा पीडब्ल्यूडी को निर्माण एजेंसी नियुक्त किया था। हालांकि इसका निर्माण अब तक शुरू नहीं हुआ है।

153.72 लाख की राशि निजी हितों के लिए की खर्च

निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी पारसचंद्र जैन ने 153.72 लाख रुपए की विधायक निधि का दुरुपयोग कर राशि अपने निजी हितों के लिए उपयोग कर शासन को नुकसान पहुंचाया। इसमें 44.76 लाख का काम किया जाना शेष है।

सीलिंग की जमीन पर विधायक निधि का उपयोग कर करीब डेढ़ करोड़ से ज्यादा भ्रष्टाचार किया गया। इस भ्रष्टाचार में पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार शामिल थे। पास की दो बीघा शासकीय जमीन सम्बंधी अभी जांच जारी है।

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