ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला ने बताया कि पंचांग की गणना एवं धर्म शास्त्रीय मान्यता के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की धनतेरस से 5 दिन का विशेष त्योहार प्रारंभ होता है, हालांकि देवउठनी ग्यारस को भी छोटी दीपावली की संज्ञा दी गई है।वहीं कार्तिक पूर्णिमा तो विशेष रूप से दीपदान का समय होता है। फिर भी धनतेरस से भाईदूज तक आनेवाले त्योहारों की पूजा की विशेष मान्यता धर्म शास्त्र तथा निर्णय सिंधु में दी गई है।
आर्थिक प्रगति के जरुर करें पूजा
धनतेरस के दिन आर्थिक प्रगति के लिए धनकुबेर का पूजन करना चाहिए, महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए दीपावली पर पूजन करें, साथ ही धन धान्य के साथ ही अन्नपूर्णा की कृपा तथा श्रीकृष्ण का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गोवर्धन पूजा करना चाहिए, साथ ही भाई की दीर्घायु के लिए भाई दूज पर यम के निमित्त पूजन का अनुक्रम स्थापित करें, ऐसी मान्यता है कि इन पांच दिनों में विधिवत श्रद्धा के साथ पर्व काल मनाने पर सांसारिक सुख तथा समृद्धि की प्राप्ति होती है।
इस दिन करें यह पूजा
-2 नवंबर मंगलवार को उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र धनतेरस प्रदोष। इसी दिन यम के निमित्त दीपदान भी शुरू करें।
-3 नवंबर की रात 4 नवंबर की सुबह नरक चतुर्दशी, रूप चौदस।
-4 नवंबर गुरुवार को प्रदोष काल में सायं 5.42 से 8.20 दीपावली महालक्ष्मी पूजन।
-5 नवंबर शुक्रवार को गोवर्धन पूजा, अन्नकूट उत्सव।
-6 नवंबर शनिवार को भाई दूज यम द्वितीया।