रिव्यू पीटिशन में पक्ष में निर्णय नहीं तो लोगों के समक्ष रखेंगे बात
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने भाजपा लोकशक्ति कार्यालय पर प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि, कांग्रेस अपने ही लोगों से मामले को कोर्ट में पेश कराकर लंबित रखने का प्रयास किया है। भाजपा सभी वर्गों को साथ लेकर चलना चाहती है। कोर्ट का निर्णय आया है, लेकिन अब भी गुंजाइश है। वर्ष 1995 से जिस प्रकार का आरक्षण किया जाता है, उसे जीरो प्रतिशत पर ले जाना, ये बहुत असामान्य बात हो गई। ऐसे में हम न्यायालय के सामने पुन: इस बात को लेकर जा रहे हैं कि सरकार का सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की मंशा है।
यादव ने कहा कि, शासन ने रिव्यू पीटिशन दायर की है। कोर्ट हमारे पक्ष में निर्णय करती है तो हम उस तरह से बात करेंगे। अगर हमारे तरीके से नहीं होता है तो हम अपनी बात समाज के बीच रखेंगे। यादव के अनुसार , कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग के साथ कुठाराघात किया है। कांग्रेस ने अपने समय चुनाव नहीं करवाए। वर्ष 2020 में जब सरकार जाती दिखी तो चार दिन पहले ओबीसी का 27 प्रतिशत आरक्षण की बात विधानसभा में लाकर जानबूझकर उलझाने का प्रयास किया। एक तरफ 27 प्रतिशत की बात कह समाज में दम भरने का तरीका लगाया और दूसरी तरह उस 27 प्रतिशत आरक्षण के लिए कोई आयोग बनाना, कोई ठोस आधार बनाने जैसी कोई गतिविधि नहीं की।
उन्होंने कहा कि, जिस तरह इन्होंने मराठा आंदोलन महाराष्ट्र में उलझाया था, वैसे ही मराठा वाला मुद्दा उठाकर विवेक तन्खा ने कोर्ट को भ्रमित करने का प्रयास किया है। समाज में भ्रम पैदा कर वर्ग संघर्ष की स्थिति लाना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। यादव ने ये भी कहा कि, देश में ओबीसी वर्ग का प्रधानमंत्री भाजपा ने बनाया।
प्रेस वार्ता में शामिल हुए भाजपा के नेता
प्रेस वार्ता में भाजपा नगर अध्यक्ष विवेक जोशी, महामंत्री विशाल राजोरिया, सत्यनारायण खोईवाल, संजय अग्रवाल, पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ नगर अध्यक्ष प्रकाश जायसवाल मौजूद थे। संचालन सह मीडिया प्रभारी राकेश पंड्या ने किया।
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चुनाव नहीं होने से संस्थाओं में दीमक लग चुकी है, अधिकारी मनमानी कर रहे हैं
वहीं, दूसरी तरफ क्षीरसागर स्थित पार्टी कार्यालय में उज्जैन कांग्रेस अध्यक्ष महेश सोनी ने प्रेस वार्ता में भाजपा पर चुनाव न करवाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, सरकार चाहती ही नहीं कि, चुनाव हो और जनता को जनप्रतिनिधि मिले। पंचायत, निकाय चुनाव नहीं होने से संबंधित संस्थाओं में दीमक लग चुकी है। जनप्रतिनिधि नहीं होने से अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं। भाजपा चोर दरवाजे से सरकार चला रही है। इनके महामहिम मोहन भागत ही दलित और आरक्षण विरोधी हैं।
सोनी ने बताया कि, कांग्रेस चुनाव में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देगी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ इसकी घोषणा भी कर चुके हैं। भाजपा के आरोप को लेकर उन्होंने कहा कि, हम विधानसभा में 27 प्रतिशत आरक्षण का विषय लाए थे। इसे कानूनी अमलीजामा पहनाते, उससे पूर्व हमारी सरकार चली गई। भाजपा की सरकार बनी, लेकिन उन्होंने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया, सिर्फ मुद्दे को लटकाए रखा। हमारा प्रयास है कि, चुनाव हों।
कार्यकारी अध्यक्ष रवि राय ने कहा कि, पूर्व मुख्यमंत्री कमनाथ ने साल 2018 में ही 27 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा कर दी थी। भाजपा जानती है कि, चुनाव होते हैं तो, उनकी हार होगी, इसलिए इसे टाला जा रहा है। अशोक भाटी ने भी आरक्षण को लेकर भाजपा पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि, अगर भाजपा ओबीसी की इतनी ही हितैषी है तो फिर क्यों नहीं विधानसभा सत्र बुलाकर इसे विधिवत पास कर रहे हैं। उनके अनुसार, ओबीसी आरक्षण पर भाजपा की नियत साफ नहीं है। वो सिर्फ मुद्दे को भटकाना जानती है। देश में अनावश्यक मुद्दे उठाए जा रहे हैं, लेकिन महंगाई पर बात करने को तैयार नहीं है।
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