खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के दल ने मापदंडों के आधार पर चामुंडा माता मंदिर और इस्कॉन मंदिर के किचन, परिसर, भंडारण का निरीक्षण किया। टीम ने व्यवस्था संतोषजनक पाई। टीम ने प्रभारियों को भोग प्रमाणीकरण के लिए आवश्यक व्यवस्था व रेकॉर्ड आदि के बारे में विस्तार से जानकारी देकर मापदंडों अनुसार तैयारियां जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। दल में खाद्य सुरक्षा अधिकारी बसंतदत्त शर्मा व बीएस देवलिया शामिल थे।
महाकाल मंदिर का प्रसाद बन चुका है पहला सेफ भोग
श्री महाकालेश्वर मंदिर लड्डू प्रसाद व नि:शुल्क अन्नक्षेत्र भोजनशाला को एफएसएसएआई ने देश में प्रथम सेफ भोग प्लेस का प्रमाणीकरण किया है। अब चामुंडा माता मंदिर और इस्कॉन के लिए कार्य हो रहा है।
क्या है BHOG सर्टिफिकेशन
यह खास पहल है। धार्मिक स्थलों को सर्टिफिकेशन के लिए चिन्हित किया जाता है। इसमें प्रसाद बेचने वाले वेंडर्स और पैक व खुले में उपलब्ध खोन-पीने की चीजें शामिल होती हैं। इस सर्टिफिकेशन की वैलिडिटी जारी होने की तारीख से दो साल तक के लिए होती है। हालांकि फिलहाल यह स्कीम अनिवार्य नहीं है। इसका उद्देश्य मंदिरों, गुरुद्वारा व अन्य धार्मिक स्थलों पर स्व-अनुपालन को बढ़ावा देना है।
यह मापदंड पूरे करना होंगे
1. धार्मिक स्थल का फूड सेफ्टी लाइसेंस होना चाहिए। 2. कर्मचारियों के मेडिकल परीक्षण। 3. परिसर व उपकरणों की पर्याप्त स्वच्छता।
4. कचरा निपटान। 5. पेस्ट कंट्रोल। 6. कच्ची और तैयार खाद्य सामग्रियों आदि की प्रयोगशाला से जांच। 7. फूड सेफ्टी डिस्पले बोर्ड। 8. पेयजल की प्रयोगशाला से जांच। 9. कर्मचारियों की व्यैक्तिक स्वच्छता। 10. नो फूड वेस्ट सिस्टम।