script84 महादेव सीरीज : श्री रामेश्वर महादेव के पूजन से परशुराम ब्रह्म हत्या दोष से हुए थे मुक्त | 84-mahadev-series-Rameshwar Mahadev temple ujjain | Patrika News
उज्जैन

84 महादेव सीरीज : श्री रामेश्वर महादेव के पूजन से परशुराम ब्रह्म हत्या दोष से हुए थे मुक्त

चौरासी महादेवों की शृंखला में 29वें क्रम पर श्री रामेश्वर महादेव का मंदिर आता है। इनके दर्शन-पूजन से ब्रह्म हत्या का दोष निवारण होता है। 

उज्जैनAug 31, 2016 / 08:28 pm

Lalit Saxena

84-mahadev-series-Rameshwar Mahadev temple ujjain

84-mahadev-series-Rameshwar Mahadev temple ujjain

उज्जैन. चौरासी महादेवों की शृंखला में 29वें क्रम पर श्री रामेश्वर महादेव का मंदिर आता है। इनके दर्शन-पूजन करने से मनुष्य सब पापों से छूटकर मुक्ति पाता है, साथ ही ब्रह्म हत्या का दोष निवारण होता है। श्रावण-भादौ मास में पत्रिका डॉट कॉम के जरिए आप 84 महादेव की यात्रा का लाभ ले रहे हैं।

परशुरामजी ने कई तीर्थों के दर्शन किए
परशुरामजी ने कई तीर्थों के दर्शन किए लेकिन उनका ब्रम्ह हत्या दोष निवारण महाकाल वन में स्थित श्री रामेश्वर महादेव के पूजन से ही हुआ। रामेश्वर महादेव की कथा महाकाल वन का महात्म्य बताती है। एक बार त्रेता युग में शास्त्रों को धारण करने वाले परशुराम हुए। वे विष्णु के अवतार थे जिनका जन्म भृगु ऋषि के शाप के कारण हुआ था। उनकी माता रेणुका थी और पिता जमदग्नि। परशुराम के चार बड़े भाई थे, लेकिन सभी में परशुराम अधिक योग्य एवं तेजस्वी थे। 

84-mahadev-series-Rameshwar Mahadev temple ujjain

रेणुका को गंगा तट पर जल के लिए भेजा
एक बार जमदग्नि ने रेणुका को हवन के लिए गंगा तट पर जल लाने के लिए भेजा। गंगा तट पर गंधर्वराज चित्ररथ अप्सराओं के साथ विहार कर रहे थे, जिन्हें देख रेणुका आसक्त हो गई और कुछ देर तक वहीं रुक गई। इस विलंब के कारण हवन का समय बीत गया। इससे जमदग्नि क्रोधित हुए और रेणुका के इस कृत्य को आर्य विरोधी आचरण माना। क्रोधित हो उन्होंने अपने सभी पुत्रों को रेणुका का वध करने का आदेश दे डाला। लेकिन मातृत्व मोहवश कोई पुत्र ऐसा न कर सका। पुत्रों को आज्ञा पालन न करते देख जमदग्नि ने उन्हें विचार शक्ति नष्ट होने का श्राप दे दिया।

एकानेत्रिशतं विद्धि देवं रामेश्वरम प्रिये।
यस्य दर्शन मात्रेण मुच्यते ब्रम्ह हत्यया।।

परशुराम ने माता का शिरोच्छेद कर दिया
तभी पिता के तपोबल से प्रभावित परशुराम ने उनकी आज्ञानुसार माता रेणुका का शिरोच्छेद कर दिया। परशुराम की कर्तव्य परायणता देख जमदग्नि प्रसन्न हुए और परशुराम से वरदान मांगने को कहा। वरदान स्वरूप परशुराम ने अपनी माता रेणुका को पुनर्जीवित करने एवं भाइयों को पुन: विचारशील करने की प्रार्थना की। वरदान में भी स्वयं के लिए कुछ ना मांग माता एवं भाइयों के लिए की गई प्रार्थना से जमदग्नि और अत्यधिक प्रसन्न हुए एवं उन्होंने परशुराम द्वारा मांगे गए वरदानों को प्रदान करने के साथ कहा-कि इस संसार में तुम्हें कोई परास्त नहीं कर पाएगा, तुम अजेय रहोगे। तुम अग्नि से उत्पन्न होने वाले इस दृढ़ परशु को ग्रहण करो। इस तीक्ष्ण धार वाले परशु से तुम विख्यात होगे। वरदान के फलस्वरूप माता रेणुका पुनर्जीवित हो गई पर परशुराम पर ब्रम्ह हत्या का दोष चढ़ गया।


परशुराम ने अर्जुन की हजार भुजाएं काट डालीं
कुछ समय के बाद हैहयवंश में कार्तवीर्य अर्जुन राजा हुआ। वह सहस्त्रबाहु था। उसने कामधेनु के लिए जमदग्नि ऋषि को मार डाला। पिता के वध से क्रुद्ध हो परशुराम ने परशु से अर्जुन की हजार भुजाएं काट डालीं। फिर परशु से उसकी सेना का भी नाश कर डाला। इसी अपराध को लेकर उन्होंने क्षत्रियों का 21 बार पृथ्वी से नामों निशान मिटा दिया। ब्रम्ह हत्या पाप के निवारण हेतु परशुराम ने अश्वमेध यज्ञ किया और कश्यप मुनि को पृथ्वी का दान कर दिया। इसके साथ ही अश्व, रथ, सुवर्ण आदि नाना प्रकार के दान किए, लेकिन फिर भी दोष दूर नहीं हुआ। फिर वे रैवत पर्वत तपस्या करने गए लेकिन दोष दूर नहीं हुआ, तो वे हिमालय तथा बद्रिकाश्रम गए। उसके बाद नर्मदा, चन्द्रभागा, गया, कुरुक्षेत्र, नैमीवर, पुष्कर, प्रयाग, केदारेश्वर आदि तीर्थों के दर्शन कर स्नान किया। फिर भी ब्रम्ह हत्या दोष का निवारण नहीं हुआ। 

तभी वहां नारद मुनि पहुंचे
वे दुखी हुए एवं उनका दृष्टिकोण नकारात्मक होने लगा। वे सोचने लगे कि शास्त्रों में जो तीर्थ, दान इत्यादि का महात्म्य बताया है, सब मिथ्या है। तभी वहां नारद मुनि पहुंचे। नारदजी बोले कि आप महाकाल वन में जाएं, वहां जटेश्वर के पास स्थित दिव्य लिंग का पूजन करें। उससे आपकी ब्रम्ह हत्या दूर हो जाएगी। नारद मुनि के कथनानुसार परशुराम महाकाल वन आए और दिव्य लिंग का पूजन किया। उनके द्वारा किए गए पूजन से भगवान शिव प्रसन्न हुए और उन्हें ब्रम्ह हत्या के पाप से मुक्त कर दिया।

दर्शन से समस्त दोषों का नाश
श्री रामेश्वर महादेव के दर्शन से समस्त दोषों का नाश होता है। माना जाता है कि यहां दर्शन करने पर विजयश्री प्राप्त होती है। चौरासी महादेवों में से एक श्री रामेश्वर महादेव का मंदिर सती दरवाजे के पास रामेश्वर गली में स्थित है।

Hindi News / Ujjain / 84 महादेव सीरीज : श्री रामेश्वर महादेव के पूजन से परशुराम ब्रह्म हत्या दोष से हुए थे मुक्त

ट्रेंडिंग वीडियो