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उज्जैन

84 महादेव सीरीज : श्री नागचंद्रेश्वर महादेव, दर्शन से देवताओं के भी दोष दूर हुए

चौरासी महादेवों की शृंखला में उन्नीसवें क्रम पर श्री नागचंद्रेश्वर महादेव का मंदिर आता है। इनके दर्शन-पूजन अभिषेक करने से आरोग्य के साथ यश-कीर्ति प्राप्त होती है।

उज्जैनAug 12, 2016 / 10:07 pm

Lalit Saxena

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उज्जैन. चौरासी महादेवों की शृंखला में उन्नीसवें क्रम पर श्री नागचंद्रेश्वर महादेव का मंदिर आता है। इनके दर्शन-पूजन अभिषेक करने से आरोग्य के साथ यश-कीर्ति प्राप्त होती है। श्रावण मास में पत्रिका डॉट कॉम के जरिए आप चौरासी महादेव की यात्रा का लाभ ले रहे हैं।
 
ईशानेश्वर देवस्य तिष्ठतिशन भागत:।
तस्य दर्शन मात्रेण न स गच्छति दुष्कृतम।।

ऐसा कौन सा स्थान है जो सर्वोत्तम है
इनकी कथा अनजाने में हुए दोषों को चित्रित करती है। दर्शन से देवताओं के भी दोष दूर हुए थे। एक बार राजा इंद्र की सभा में देवर्षि नारद मुनि कथा प्रसंग सुना रहे थे। तब देवराज इंद्र ने उनसे कहा हे देवर्षि, आपने तो तीनों लोकों को देखा है, जाना है। कृपया मुझे बताएं कि इस पृथ्वी लोक पर ऐसा कौन सा स्थान है जो सर्वोत्तम है, जो मुक्ति प्रदान करने वाला है? प्रत्युत्तर में नारदजी बोले हे देवराज, पृथ्वी पर सबसे उत्तम स्थल प्रयाग है, लेकिन उससे भी दस गुना अधिक पवित्र और उत्तम महाकाल वन में अवंतिका है। वहां के दर्शन मात्र से सुख और मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

महाकाल वन में हैं करोड़ों शिवलिंग 
नारद मुनि के वचन सुन इंद्र देव समेत सभी देवगण विमानों में बैठ महाकाल वन स्थित अवंतिका पहुंचे। वहां पहुंचकर देवताओं ने देखा कि महाकाल वन में तो हर जगह करोड़ों शिवलिंग विराजमान हैं, इंच भर भी जगह खाली नहीं है। सभी जगह शिव निर्माल्य है और शिव निर्माल्य को लांघने के पाप के डर से सभी देवता स्वर्ग लोक लौटने लगे। तभी उन्होंने देखा कि एक दिव्य पुरुष प्रसन्नता से स्वर्ग की ओर जाता दिखाई दिया। तब देवताओं ने उससे पूछा आप बड़ी प्रसन्नता से कहां जा रहे हैं? आपने कौन सा उत्तम कार्य किया है? उत्तर में दिव्य पुरुष ने जवाब दिया मैं महाकाल का भक्त हूं। मेरा नाम नागचंद्रेश्वर है। मुझे उनका गण होने का आशीर्वाद मिला है। 

मिट जाते हैं समस्त दोष 
देवताओं ने पूछा वहां शिव निर्माल्य को लांघने से क्या तुम्हें दोष नहीं लगा। तब उसने बताया कि यहां ईशानेश्वर के ईशानकोण में एक लिंग है। उसके दर्शन करने से शिव-निर्माल्य को लांघने का ही नहीं, अपितु समस्त दोष मिट जाते हैं। नागचंद्रेश्वर की बात सुन सभी देवतागण ईशानेश्वर के पास स्थित दिव्य लिंग का दर्शन करने पहुंचे। वहां पहुंच दर्शन करने से देवताओं के शिव निर्माल्य के साथ सभी पाप नष्ट हो गए। देवताओं को दिशा दी दिव्य पुरुष नागचंद्रेश्वर ने, इसलिए देवताओं ने उन महादेव का नाम नागचंद्रेश्वर रखा।


पटनी बाजार में है मंदिर 
श्री नागचंद्रेश्वर महादेव के दर्शन से दोषों का नाश होता है। ज्ञान से या अज्ञान से किया हुआ पाप धूमिल हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि श्री नागचन्देश्वर के दर्शन से आरोग्य के साथ-साथ यश की भी प्राप्ति होती है। उज्जयिनी स्थित चौरासी महादेव में से एक श्री नागचंद्रेश्वर महादेव का मंदिर पटनी बाजार में स्थित है।

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