उदयपुर जिले में जनजाति विकास विभाग के स्वच्छ भारत स्वच्छ परियोजना के तहत करीब 534 मां बाड़ी केंद्र संचालित हैं, जिसमें कक्षा एक से 4 तक के बच्चों को अध्ययन करवाया जाता है। अध्ययन के साथ-साथ केंद्र पर बच्चों को पोषाहार भी दिया जाता है। केंद्रों पर इन दिनों बच्चों की परीक्षाएं आयोजित कराई जा रही है, जो कि बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भारी पड़ रही हैं। एक ओर शिक्षा विभाग अवकाश घोषित कर चुका है, लेकिन ये बच्चे अभी भी केंद्रों पर जाने को मजबूर हैं क्योंकि ये केंद्र जनजाति विकास विभाग में आते हैं। पर, सवाल यह उठता है कि आखिर ये भी बच्चे ही हैं तो इनके साथ ऐसा भेदभाव क्यों हो रहा है। सरकार इन पर कब रहम करेगी।————-
इस प्रकार है आंकड़े- झाडोल फलासिया – 35 मां बाडी- 44 डे केयर केंद्र , अध्ययनरत विद्यार्थी – 2370 – कोटडा – 98 मां बाड़ी -78 डे केयर केंद्र, अध्यनरत विद्यार्थी – 5280- लसाडिया – 35 मां बाड़ी – 21 डे केयर केंद्र- अध्ययनरत विद्यार्थी – 1680
– खेरवाड़ा – 39 मां बाड़ी – 12 डे केयर केंद्र – अध्ययनरत विद्यार्थी -1530- सराडा सेमारी – 56 मां बाड़ी केंद्र – 21 डे केयर केंद्र – अध्ययनरत विद्यार्थी – 2310 – सलूंबर झल्लारा – 66 मां बाड़ी केंद्र – 30 डे केयर सेंटर – अध्ययनरत विद्यार्थी – 2880- गिर्वा- 26 मां बाड़ी केंद्र – 780 विद्यार्थी – अध्ययनरत विद्यार्थी – 355
————इनका कहना है.. स्वच्छ परियोजना के अंतर्गत चलने वाली मां बाड़ी व डे केयर केंद्र जनजाति विभाग के अधीन संचालित है। विभाग के आदेश अनुसार बच्चों का वर्तमान में परीक्षा चल रही है। केंद्र पर बच्चों को पोषाहार के साथ-साथ शिक्षा भी दी जाती है। विभाग से जो आदेश मिलेंगे उसकी पालना की जाएगी ।- विनोद सारडा जिला परियोजना अधिकारी स्वच्छ परियोजना उदयपुर
विभागों के आदेश अनुसार बच्चे मां बाड़ी केंद्र पर आ रहे हैं आगे जो भी विभाग निर्देश देंगे उसकी पालना की जाएगी ।- भंवरलाल टेलर, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर, सेमारी