गोगुंदा. (उदयपुर). वर्ष 2015 में गबन के मामले में गोगुंदा थाना पुलिस ने मोड़ी ग्राम पंचायत की तत्कालीन सरपंच दोली बाई गमेती को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया।थानाधिकारी शैतान सिंह नाथावत ने बताया कि दिसम्बर, 2015 में मोड़ी के ग्रामीणों ने तत्कालीन सरपंच दोली बाई गमेती, सचिव रूप लाल खडलू, एईएन चंद्रेश अग्रवाल व जेईएन सुहास मनोहर के खिलाफ गबन का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई थी। उन्होंने बताया कि मामले में अनुसंधान जारी है तथा रूप लाल खडलू, सुहास मनोहर व चंद्रेश अग्रवाल को उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत मिली हुई है। दोली बाई की ओर से भी उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका लगाई गई थी, जिसकी सुनवाई 22 दिसंबर को होनी है। दोली बाई वर्ष 2010 से 2015 तक मोड़ी ग्राम पंचायत की सरपंच रही । 2015 में हुए पंचायतीराज चुनाव के बाद गांव के कुछ लोगों ने उसके खिलाफ ग्राम पंचायत द्वारा करवाए गए 33 कार्यों में गबन का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई थी। उन कार्यों में 4.20 लाख रुपए के गबन करने का आरोप है। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद जिला परिषद की जांच टीम ने भी जांच की। जिसमें तीनों को दोषी बताते हुए गबन की राशि वसूलने की अनुशंसा की गई थी। हालांकि अभी तक एफआईआर पर जांच पूरी नहीं हो पाई है। अनुसंधान जारी है।
इस संबंध में पूर्व सरपंच दोली बाई गमेती ने बताया कि वह अशिक्षित है। उसने बताया कि अधिकारी उससे कागजों पर अंगूठा लगवाते लेते थे। गबन के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है।