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यूं है उदयपुर की खासियत
राजस्थान में उदयपुर झीलों की नगरी के नाम से जाना जाता है। यहां फतहसागर, पिछोला, रंगसागर, स्वरूपसागर, उदयसागर सहित कई झीलें है। यह सभी झीलें एक दूसरे लिंक है। इसीलिए पर्यावरण एवं वन विभाग ने अंतरराष्ट्रीय महत्व के लिए रामसर कन्वेंशन द्वारा निर्धारित मापदंडों के आधार पर उदयपुर को चुना है। केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना ने भी इसके लिए प्रस्ताव भेजे थे।
यह होगा फायदा
– उदयपुर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी
– उदयपुर में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा
– झील संरक्षण को लेकर गतिविधियां बढ़ेगी
– झीलों में होने वाली अवैध गतिविधियां व निर्माण पर रोक लगेगी
– झीलें प्रदूषणमुक्त होगी
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इनका कहना…
वेटलैंड को लेकर इंटरनेशनल लेवल पर टैग मिलता है। दो माह पहले उदयपुर में कॉन्फ्रेंस करके सुझाव मांगे गए थे। इसके आधार पर प्रस्ताव तैयार करके राज्य स्तर पर भेजा गया। राज्य से प्रस्ताव केंद्र सरकार को गया और अब वहां से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भेजा गया है। हम खुशनसीब हैं कि वेटलैंड वाले चुनिंदा क्षेत्रों में उदयपुर शामिल होगा।-अरविंद पोसवाल, कलक्टर, उदयपुर
उदयपुर के झील-तालाब वेटलैंड की श्रेणी में आते हैं। इसका प्रस्ताव भेजा गया था। रामसर साइट में दर्ज होने पर इंटरनेशनल रिकग्नेशन मिल जाता है। ऐसे में फंडिंग बढ़ जाती है, वहीं झीलों को लेकर मोनिटरिंग भी बढ़ जाती है।-आरके सिंह, सीसीएफ, उदयपुर