मरीज नहीं होंगेे परेशान, यहीं बनेगा फिस्टुला
आरएनटी में डायलिसिस के मरीजों के लिए एवी फिस्टुला की सुविधा उपलब्ध नहीं होने से मरीजों को निजी अस्पताल व अहमदाबाद जाना पड़ रहा था। अब सुपर स्पेशलियिटी में इसकी सुविधा होने से फिस्टुला यहीं बनाया जा सकेगा। चिकित्सकों का कहना है कि किडनी के मरीज के खून को शुद्ध करने के लिए डायलिसिस मशीन का नियमित उपयोग होता है तो फिस्टुला का बनाया जाना आवश्यक है। वॅस्क्युलर एवं प्लास्टिक सर्जन हाथ की वेन को आर्टरी से जोडकऱ फिस्टुला बनाते है।
जन्मजात विकृतियां भी हो पाएगी ठीक
एमबी अस्पताल में लम्बे समय बाद वापस प्लास्टिक सर्जरी भी हो पाएगी। इस पद पर डॉ. चौधरी की नियुक्ति हुई है। चौधरी ने बताया कि अस्पताल में अब स्तन कैंसर पीडि़त महिलाओं में ऑपरेशन के बाद हुई विकृति को ठीक करना, पुरुषों में स्तन में चर्बी के ऑपरेशन, बच्चों में जन्मजात विकृतियां, डायबिटिज के रोगियों में होने वाले गहरे घाव, बर्न के बाद हुए कांटक्चर, लम्बे समय से चोट के निशान, हाथ अंगुली के कटने पर व अन्य ऑपरेशन के बाद की विकृति में सहित मरीजोंं को कई तरह के उपचार मुहैया हो सकेंगे।
इस दिन रहेगी इनकी ओपीडी
नेफोलॉजी विभागाध्यक्ष- डॉ. पंकज बेनीवाल बुधवार व शनिवार- एसएसबी कमरा नम्बर-2 प्लास्टिक सर्जन- डॉ.विकास चौधरी बुधवार व शनिवार- एसएसबी कमरा नम्बर 10 इनका कहना है
राज्य सरकार जहां मरीजों को निशुल्क इलाज के लिए बेहतर सुविधा देने के लिए कटिबद्ध है। आरएनटी में भी इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। आरएनटी में नेफ्रोलॉजी विभाग खाली था, वहीं प्लास्टिक सर्जन की भी कमी खल रही थी। राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दोनों विभाग में चिकित्सकों की नियुक्ति हुई है। अब मरीजों को इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना में इनका निशुल्क उपचार हो पाएगा। डॉ. विपिन माथुर, प्राचार्य, आरएनटी मेडिकल कॉलेज, उदयपुर