प्रवास पर 150 से अधिक प्रजातियों के आते है पक्षी बर्ड विलेज मेनार तालाब पर 150 से अधिक प्रजातियों के हजारों स्थानीय और प्रवासी पक्षी सर्दियों के दिनों में दिखाई देते हैं। इन पक्षियों में ग्रेटर फ्लेमिंगो, रोज़ी पेलिकन, डालमेशियन पेलिकन, बार हेडेड गूज, ग्रे-लेग गूज, ग्रेट क्रस्टेड ग्रीब, मार्श हेरियर, कॉमन क्रेन, सुर्खाब, गोडविट, शॉवलर, पिनटेल, यूरेशियन विजन, कॉमन पोचार्ड, टफटेड पोचार्ड, रेड क्रस्टेड पोचार्ड, गेडवाल, कॉमन टील, वेगटेल, ग्रीन शेंक, रेड शेंक, रिंग प्लोवर, प्रोटोनिकॉल, लिटील स्टींट, विस्कर्ड टर्न आदि मेहमान पक्षी आते हैं। बड़ी संख्या में पक्षी प्रेमी और देश-विदेश के पर्यटक व विशेषज्ञ मेनार पहुंचते हैं। वहीं, रात्रि में ठहरकर सुबह-शाम परिंदों की रंगीन दुनिया को देखने का लुत्फ उठाते है।
— चार से पांच महीने तक रहता है प्रवास पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार इन प्रवासी पक्षियों के आने का क्रम अक्टूबर माह में शुरू हो जाता है, जो नवंबर के अंत तक जारी रहता है। कभी-कभीं ये दिसम्बर माह की शुरुआत में भी पहुंचते हैं। इनके जाने का क्रम यहां की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। अमूमन ये मार्च-अप्रेल माह तक यहां से चले जाते हैं। सर्दी के मौसम में ये करीब 4 से 5 महीने यहीं रुकते हैं। मेनार के दोनों जलाशय पर भोजन की प्रचुर उपलब्धता के कारण ये प्रतिवर्ष यहां खिंचे चले आते हैं। बता दें कि मेनार क्षेत्र में किसी भी जलाशय पर मछलीपालन नहीं होता है। साथ ही जलाशयों के पानी को सिंचाई के लिए भी उपयोग में नहीं लिया जाता है।