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उदयपुर

Smart Meter : बिजली के स्मार्ट मीटर लगाएगा निगम, पर सोलर प्लांट के नेट मीटर का भार जनता पर क्यों? विशेषज्ञों ने आपत्ति जताई

Smart Meter : आरडीएसएस योजना पर आया नया अपडेट। बिजली के स्मार्ट मीटर लगाएगा निगम। पर सोलर प्लांट के नेट मीटर का भार जनता पर क्यों? सरकार का दोहरा रवैए पर विशेषज्ञों ने आपत्ति जताई। दिए सुधार के सुझाव।

उदयपुरJul 28, 2024 / 12:36 pm

Sanjay Kumar Srivastava

Electricity bill

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पंकज वैष्णव
Smart Meter : आरडीएसएस योजना पर आया नया अपडेट। केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत बिजली कनेक्शन पर स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं, लेकिन दूसरी ओर रूफ टॉप सोलर प्लांट के नेट मीटर का भार उपभोक्ताओं पर डाला जा रहा है। सरकार के इस दोहरे रवैये पर विशेषज्ञों ने आपत्ति जताई है। सुझाव दिए कि सोलर प्लांट के नेट मीटर भी डिस्कॉम की ओर से लगाए जाने चाहिए, ताकि सौर ऊर्जा को बढ़ावा मिल सके।

स्मार्ट मीटर दो फेज में लगाए जाएंगे

प्रदेश में बिजली छीजत कम करने, बिजली उपभोक्ताओं को रियल टाइम बिजल उपभोग और बिल सुविधा देने के लिए स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। प्रदेश के तीनों विद्युत निगमों में एक करोड़ 42 लाख 76 हजार मीटर लगाना तय है। अजमेर डिस्कॉम के अधीन जिलों में स्मार्ट मीटर दो फेज में लगाए जाने हैं। स्मार्ट मीटर केंद्र और राजस्थान सरकार के साझे में संचालित आरडीएसएस योजना के तहत लगाए जाने हैं, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार का 60:40 अनुपात से बजट खर्च होगा।
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प्री-पेड मीटर का स्थाई प्रभार भी अनुचित

जानकारों का कहना है कि प्री-पेड मीटर्स वाले उपभोक्ताओं की ओर से निगम को पूरा भुगतान एडवांस किया जाता है। ऐसे में निगम को स्थाई प्रभार चार्ज नहीं करने के लिए निर्देश स्पष्ट करने चाहिए। प्री-पेड मीटर मोबाइल की तरह रिचार्ज करने होंगे। रिचार्ज खत्म होने पर बिजली बंद हो जाएगी।

नेट मीटर का यह इस्तेमाल

नेट मीटर उन उपभोक्ताओं के लिए लगाया जाता है, जो सोलर प्लांट लगाते हैं। प्लांट से उत्पादित बिजली का इस्तेमाल होने के बाद बची बिजली विद्युत लाइन में नेट मीटर के माध्यम से ही दी जाती है। इधर, विद्युत लाइन से बिजली ली जाने पर भी नेट मीटर से होकर गुजरती है। ऐसे में दोनों तरह से बिजली की आवक-जावक का हिसाब नेट मीटर में रहता है, जिस के आधार पर क्रेडिट मिलती है।

स्मार्ट मीटर का उपयोग

1- रीयल टाइम रीडिंग, पावर लोड की जानकारी मोबाइल पर देख सकेंगे। मीटर से छेड़छाड़ करने, मीटर बंद करने या मेन लाइन से सीधे कनेक्शन लेने की स्थिति में सॉटवेयर से जानकारी मिल जाएगी।
2- बिजली की छीजत लगभग खत्म हो जाएगी। मीटर से होने वाली बिजली चोरी थमने पर बिजली उत्पादन और दरें प्रभावित रहेंगी, इससे संभव है कि बिजली दरों की बढ़ोतरी पर भी नियंत्रण रहेगा।
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प्रदेश में स्मार्ट मीटर प्रस्तावित

1- 54.32 लाख मीटर अजमेर डिस्कॉम में लगने प्रस्तावित
2- 47.67 लाख मीटर जयपुर डिस्कॉम में लगने प्रस्तावित
3- 40.77 लाख मीटर जोधपुर डिस्कॉम में लगने प्रस्तावित

राजस्थान का लक्ष्य 5 लाख लगे महज 40 हजार

ऊर्जा सलाहकार इंजीनियर येवन्ती कुमार बोलिया ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत देश में मार्च 2026 तक लगने वाले रूफ टॉप सोलर पीवी प्लांट के एक करोड़ घरों में से राजस्थान का लक्ष्य 5 लाख है। अब तक महज 40 हजार ही लगे हैं, जो 10 प्रतिशत से भी कम है। गति बढ़ाने के लिए मीटर की कमी दूर करने के लिए विद्युत निगम को जल्द से जल्द नेट मीटर्स व सोलर मीटर्स खरीदकर उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने चाहिए, जो कुल 1.42 करोड़ से अधिक मीटर्स का मात्र 3 प्रतिशत है।

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