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UPS Vs NPS Vs OPS: जानिए तीनों में अंतर, यूनिफाइड पेंशन स्कीम कैसे अलग

UPS Vs NPS Vs OPS: ये तीनों शब्द अलग-अलग संदर्भों में उपयोग किए जाते हैं, लेकिन सभी का उद्देश्य किसी न किसी रूप में भविष्य में सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करना है।

नई दिल्लीJan 26, 2025 / 11:31 am

Devika Chatraj

UPS Scheme के 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने की घोषणा के बाद अब केंद्र की मोदी सरकार ने एक और तोहफा दे दिया है।सरकारी कर्मचारियों के लिए संशोधित पेंशन योजना शुरू करने के पांच महीने बाद केंद्र सरकार ने शनिवार को आधिकारिक तौर पर एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस योजना की शुरुआत एक अप्रैल, 2025 से लागू होगी। लेकिन क्या आपको पता है UPS, NPS और OPS में क्या अन्तर है।

क्या है OPS, NPS,UPS?

OPS (Old Pension Scheme), NPS (National Pension Scheme), और UPS (Uninterruptible Power Supply) तीन अलग-अलग अवधारणाएँ हैं। OPS एक पुरानी पेंशन योजना थी, जिसमें सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद उनकी आखिरी सैलरी का एक निश्चित प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता था। NPS एक आधुनिक पेंशन योजना है, जिसमें कर्मचारियों को अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा एक पेंशन फंड में योगदान करना होता है, जिससे रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन प्राप्त होती है। UPS एक विद्युत उपकरण है जो बिजली जाने पर कुछ समय तक कंप्यूटर या अन्य महत्वपूर्ण उपकरणों को चालू रखने के लिए बैटरी से पॉवर सप्लाई करता है, ताकि डेटा हानि या सिस्टम क्रैश से बचा जा सके। ये तीनों शब्द अलग-अलग संदर्भों में उपयोग किए जाते हैं, लेकिन सभी का उद्देश्य किसी न किसी रूप में सुरक्षा या स्थिरता प्रदान करना है।

OPS, NPS,UPS में अंतर

पुरानी पेंशन स्कीम (OPS)
ओल्ड पेंशन स्कीम में सरकारी कर्मचारियों को सरकार की तरफ से उनकी आखिरी सैलरी के आधार पर मासिक पेंशन देने का प्रावधान है। इस योजना के तहत कर्मचारियों को पेंशन में कंट्रीब्यूशन नहीं देना होता था। OPS में मिलने वाले फायदे –
OPS में रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है।
OPS में जनरल प्रोविडेंट फंड यानी GPF का प्रावधान है।
OPS में 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी की रकम मिलती है।
OPS में पेमेंट सरकार की ट्रेजरी के माध्यम से होता है।
OPS में रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को पेंशन की राशि मिलती है।
OPS में पेंशन के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई पैसा नहीं कटता है।
OPS में छह महीने बाद मिलने वाले DA का प्रावधान है।
नई पेंशन स्कीम (NPS)
इसे ओल्ड पेंशन स्कीम की जगह लागू करने का प्लान था लेकिन इसका विरोध हुआ और लंबे समय से इसका विरोध हो रहा था। एनपीएस के तहत कर्मचारियों से भी पेंशन में कंट्रीब्यूशन लिया जाने लगा था।
NPS में कर्मचारी की बेसिक सैलरी+डीए का 10 फीसद हिस्सा कटता है।
NPS शेयर मार्केट पर बेस्ड है। इसलिए यह पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। यहां टैक्स का भी प्रावधान है।
NPS में रिटायरमेंट पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40% निवेश करना होता है।
NPS में रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती है।
NPS में छह महीने बाद मिलने वाले DA का प्रावधान नहीं है।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS)
यूपीएस में अब केंद्रीय कर्मचारियों को एक फिक्स पेंशन दिया जाएगा, जो लास्‍ट 12 महीने की ऐवरेज बेसिक सैलरी का 50% होगा। कर्मचारी को यह पेंशन पाने के लिए कम से कम 25 साल तक सर्विस करनी होगी। उसके बाद ही वह इस योजना का लाभ उठा पाएंगे।
UPS में पेंशन का बोझ कर्मचारी पर नहीं पड़ता है। इसमें सुनिश्चित पेंशन का प्रावधान है।
UPS में कर्मचारी के रिटायरमेंट से पहले की 12 महीने की एवरेज बेसिक पे का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा।
UPS में किसी भी कर्मचारी की मृत्यु से पहले जो पेंशन थी, उसका 60 फीसदी मृत कर्मचारी की पत्नी/पति को मिलेगा।
जिनकी सर्विस अवधि कम है, उनके लिये UPS में 10,000 रुपये प्रति माह की सुनिश्चित मिनिमम पेंशन का प्रावधान है।
UPS में महंगाई का ध्यान रखा गया है। महंगाई भत्ते के जैसे पैटर्न पर सुनिश्चित पेंशन, सुनिश्चित फैमिली पेंशन और सुनिश्चित मिनिमम पेंशन इन तीनों पर इन्फ्लेशन इंडेक्सेशन लगेगा।
UPS में सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी के अतिरिक्त एकमुश्त पेमेंट का प्रावधान है। हर 6 महीने की सर्विस के लिए सेवानिवृत्ति की तारीख पर मंथली वेतन (pay + DA) का 1/10 वां हिस्सा मिलेगा।

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