अमानत राशि तो दे देते लेकिन वर्षा जल संचयन सिस्टम नहीं लगाए
नगर निगम की भवन अनुमति की बैठक में अब उस राशि से कराएगा कार्य
उदयपुर. नगर निगम भवन अनुमति की स्वीकृति देने के लिए अमानत राशि लेता है ताकि लोग जल संचयन सिस्टम लगाकर उसका प्रमाण पत्र पेश कर वह राशि वापस ले सके लेकिन राशि देने वालों ने सिस्टम नहीं लगाया। अब इस कार्य को प्राथमिकता से नगर निगम स्वयं करेगा।
यह प्रस्ताव बुधवार को नगर निगम भवन अनुमति समिति की बैठक में लिया गया। समिति अध्यक्ष आशीष कोठारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 43 प्रकरण को स्वीकृति भी दी गई। कोठारी ने बताया कि वर्षा जल को संचित करने के लिए 3000 वर्ग फ़ीट से बड़े भूखंड पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य होने के बावजूद उदासीनता की वजह से निर्माणकर्ता निर्माण नहीं करवाते है। ऐसे में उनकी अमानत राशि निगम में ही जब्त हो जाती है जब कि अमानत राशि लेने का उद्देश्य ही यही है कि निर्माणकर्ता रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली निर्माणस्थल पर करवा कर पूर्णता प्रमाण पत्र पेश कर पुन: प्राप्त करें। उन्होंने बताया कि अब निगम उसी अमानत राशि का उपयोग कर एक एजेंसी नियुक्त कर इस कार्य को करवाएगा। बैठक में पार्षद भरत जोशी ने शिकार्रवाड़ी क्षेत्र में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों का विषय रखा। बैठक में दौरान उप महापौर पारस सिंघवी व सदस्य भी मौजूद थे।
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