दूसरी ओर बायो पार्क को पर्यटकों के लिए सर्च ऑपरेशन पूरा होने तक बंद कर दिया गया है। यह फैसला पर्यटकों की सुरक्षा के मद्देनजर लिया गया है। शहर के लखावली क्षेत्र से सोमवार शाम को रेस्क्यू कर लाया गया तीन साल का मादा पैंथर उसी रात को बायोलॉजिकल पार्क से पिंजरा तोड़कर फरार हो गया था।
मंगलवार सुबह करीब 8 बजे जब वनकर्मी वन्यजीवों की नियमित देखभाल के लिए रेस्क्यू सेंटर पर पहुंचे तो पिंजरा खाली देखकर उनके होश उड़ गए। तभी से वनकर्मी पैंथर की तलाश में जुटे हुए हैं। मंगलवार को पूरे दिन 36 हैक्टेयर में फैले बायोलॉजिकल पार्क में सर्च ऑपरेशन चलता रहा।
बुधवार को मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एस. आर. वी. मूर्थि बायोलॉजिकल पार्क पहुंचे। जहां उन्होंने पैंथर की तलाश में जुटे कार्मिकों को दिशा निर्देश दिए। उन्होंने बायोलॉजिकल पार्क के बाहर सेंचुरी एरिया में भी पिंजरे लगाकर पैंथर की तलाश शुरू करने को कहा है। पूरे बायो पार्क में पंद्रह फोटो ट्रेप कैमरे लगाए गए हैं। वहीं सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले जा रहे हैं, जिससे कि यह सामने आए सके कि पैंथर किस तरफ भागा था।
लापरवाही पर होगी कार्रवाई
मुख्य वन संरक्षक मुर्थि ने बताया फिलहाल विभाग की प्राथमिकता पैंथर को तलाशना है। साथ ही मामले की विभागीय जांच भी शुरू की गई है। जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
पिछले क्षेत्र में घना जंगल
लगभग 36 हैक्टेयर में फैले बायो पार्क का पिछला हिस्सा घना जंगल होने से वनकर्मी हाथ पैर मारते रहे, लेकिन पैंथर का कहीं कोई सुराग नहीं लगा। विभाग मान रहा है कि चारों तरफ ऊंची दीवार व उसके ऊपर करंट वाले तार की फेंसिंग होने से पैंथर बायो पार्क की सीमा से बाहर नहीं गया होगा। हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि पैंथर किसी पेड़ पर चढ़कर दीवार फांद गया हो। ऐसे में बाहर की ओर भी तलाश के लिए पिंजरे लगाए जा रहे हैं।