फलासिया पंचायत समिति राजस्थान प्रदेश के उदयपुर जिले की अंतिम पंचायत समिति है। करीब दो दर्जन गांव की सीमाएं यहां अड़ती हैं। सबसे दुरस्त गांव की दूरी करीब 50 से 55 किलोमीटर है। पहाडी क्षेत्र की खस्ताहाल सड़कों से दूरी को नापते हुए यहां पहुंचने वाले ग्रामीणों को सूनी कुर्सी देख पछतावा ही हाथ लगता है। उनकी इस मायूसी को समझने वाला यहां कोई नहीं होता।
पंचायत समिति से सटकर बने उपतहसील कार्यालय भवन पर पिछली सरकार के कार्यकाल में करीब 1 करोड़ 38 लाख रुपए खर्च हुए हैं। पंचायत समिति मुख्यालय की आबादी करीब डेढ़ लाख है। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों की आबादी की राजस्व समस्याओं का निस्तारण भी उपतहसील कार्यालय पर है, लेकिन सरकारी उदासीनता के बीच लोगों को उनकी समस्याओं को हल नहीं मिल रहा।
पंचायत समिति में नायब तहसीलदार की खाली कुर्सी के बीच क्षेत्र की 28 ग्राम पंचायत के पंजीयन, रजिस्ट्री, जाति प्रमाण पत्र, मूलनिवास, भूमि प्रमाण पत्र, पुरानी खाता नकलें सहित आने वाले ग्राम पंचायतो के चुनाव में तहसील संबंधित कामों के लिए ग्रामीणों को 100 से 150 किलोमीटर दूरी तय कर झाड़ोल उपखण्ड मुख्यालय का फेरा लगाना पड़ रहा है।
फलासिया उपतहसील से जुड़ा सारा राजस्व रेकॉर्ड झाड़ोल तहसील में ही है। वहां चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी दिया हुआ है, लेकिन सारे कार्य फिलहाल झाड़ोल से ही हो रहे हैं। हाल ही में नायब तहसीलदार की नियुक्ति आदेश जारी हुए हैं। अभी जोइनिंग शेष है।
हुकुम कंवर, तहसीलदार, झाड़ोल
हमारी सरकार के कार्यकाल में उपतहसील कार्यालय बनाया गया। वर्तमान सरकार की ओर से भवन की सारसंभार भी नहीं हुई। न ही राजस्व स्टाफ लगाकर ग्रामीणों को राहत पहुंचाने के कार्य हुए।
बाबूलाल खराड़ी, विधायक, झाड़ोल
उपतहसील कार्यालय में स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं। उच्चाधिकारियों से लेकर विभागीय मंत्री को इस बात से अवगत करा दिया है। panchayat samiti news ग्राम पंचायत चुनाव से पहले सभी कार्य उपतहसील कार्यालय से हो। इसका प्रयास करेंगे।
हीरालाल दंरागी, पूर्व विधायक, झाड़ोल