पक्षी विहार क्षेत्र के वेटलैंड धण्ड तालाब 90 फीसदी तक सुख चुका है जिससे निचले इलाको के कुओं का जलस्तर तेजी से घट रहा है। वही ब्रह्म सागर तालाब का पानी कम हुआ है ये दोनो तालाब मेनार से सटे निचले क्षेत्र मेनार , वाना , बामणिया , बांसड़ा , अमरपुरा खालसा, खेड़ली सहित क्षेत्र के कई गावों के लिए भू जलस्तर के मायने में जीवनदायिनी है। गत वर्ष बारिश कम होने के कारण तालाबों में पानी नहीं भर पाया और जून जुलाई महीने तक साथ देने वाले तालाब भी मार्च महीने में ही पूरी तरह सूख गए हैं। ग्रामीण अंचल के लोगों का तालाब ही प्रमुख साधन होता है। तालाबों के समय से पूर्व सूख जाने से गांवों में चिंताजनक है। परिंदो सहित पालतू मवेशियों आदि जलीय जीव जन्तुओ के लिए अभी से संकट पैदा हो गया है।
5 साल बाद फिर सूखा मेनार तालाब
पक्षी विहार तालाब 2019 में भी पूरी तरह सुखा था इस दौरान फरवरी माह में ही तालाब का पेंदा नजर आ गया था। अब वापस 5 साल बाद तालाब पूरी तरह सुख गया है । धन्ड तालाब गत वर्षों के अंतराल में 2018 में अप्रेल महीने में सूख गया था। ग्रामीणों का कहना है कि तालाब भराव के लिए कैचमेंट क्षेत्र से अवरुद्ध हटाने के लिए जिला प्रशासन को विशेष कदम उठाने चाहिए।
हाइवे के दोनों तरफ खोलने होंगे अवरुद्ध
हाइवे निर्माण एजेंसी की लापरवाही के चलते सिक्सलेन विस्तार के दौरान नवानिया से लेकर मेनार डाक बंगला चौराहा तक माल क्षेत्र से बारिश के पानी आवक प्राकृतिक प्रभावित हुए है। खेतों से नालों तक पानी पहुंचने के लिए खेतों के मुहाने और पुलियाओं के आस-पास की मिट्टी को भी नही हटाया गया है । खेतो से पानी निकासी मार्ग पर मिट्टी पडी हुई है। ऐसे में समय रहते नालों की सफाई एवं अवरूद मार्गो को नहीं खुलवाया गया तो मेनार के दोनों तालाब में उपयुक्त पानी नहीं आएगा हजारों लोगों के वर्ष भर पानी उपयोग का यही एकमात्र स्त्रोत है । वहीं निकासी मार्ग नही होने से बारिश का पानी सड़क के दोनो तरफ खेतो में में भरा रहेगा जिससे हजारो बीघा उपजाऊ जमीन एव फसलें बरबाद हो जाएगी।
क्षेत्र में सबसे बड़े तालाब है ब्रह्म सागर और ढंड तालाब
ढंड तालाब कम गहरा होने से वहां छिछला पानी रहता है जिसे पक्षी अधिक आते है ये तालाब करीब 192 बीघा में फैला हुआ है इसकी पाल की लंबाई 1 किमी के करीब है। वही ब्रम्ह सागर तालाब 306 बीघा क्षेत्रफल में फैला हुआ है। ये अधिक गहरा है इसके ओवरफ्लो होने पर इसका पानी हाइवे को छूता है। इन तालाबो पर करीब 10 हजार की आबादी के अलावा हजारों जलीय जीव जंतुु निर्भर हैं, जिनके लिए पूरे वर्ष भर पानी उपयोग के लिए यही एकमात्र स्त्रोत है ।