खास बात यह है कि इन कोर्सेज के लिए कॉलेज जाने की जरूरत नहीं होगी। ना ही इसके लिए कोई न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की दरकार है। ये कोर्स जहां रोजगार के अवसर मुहैया कराएंगे, वहीं कामकाजी लोगों को अपने कार्य क्षेत्र में स्मार्ट बनाएंगे। विश्वविद्यालय के वाणिज्य एवं प्रबंधन अध्ययन महाविद्यालय (कॉमर्स कॉलेज) के एकाउंटेंसी एवं बिजनेस स्टेटिस्टिक्स विभाग की ओर से डिस्टेंस मॉड के इन कोर्सेज की शुरुआत की गई है। इन चार सर्टिफिकेशन प्रोग्रास में विद्यार्थी को अपने स्तर पर तैयारी करनी होगी। जिसके लिए पाठ्य सामग्री विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। लेकिन इसकी कोई औपचारिक कक्षाएं नहीं लगेगी। विद्यार्थी को केवल परीक्षा देनी होगी। यदि वह क्वालीफाई कर लेता है तो विश्वविद्यालय उसको सर्टिफिकेट प्रदान करेगा। इनमें एडमिशन पूरे वर्ष खुले रहेंगे। न्यूनतम बीस विद्यार्थियों का बैच तैयार होने पर परीक्षा का आयोजन कराया जाएगा।
रेगुलर मोड के ये सर्टिफ़किेशन कोर्स रोजगार की दृष्टि से महत्वपूर्ण
विभाग की ओर से डिस्टेंस मॉड के अलावा ग्यारह ऐसे रेगुलर सर्टिफिकेट कोर्स प्रारंभ किए गए हैं। जो युवाओं के लिए रोजगार परक है। इन पाठ्यक्रमों के लिए कक्षाएं लगेंगी। इसमें विद्यार्थियों को बारह, नौ तथा छह महीनों के तीन विकल्प दिए गए हैं। जिसमें उन्हें 450 घंटों (ट्यूटोरियल्स, असाइनमेंट सहित) का कोर्स पूरा करना होगा। यह तीस क्रेडिट का प्रोग्राम है।
ये हैं रेगुलर कोर्स
● – सर्टिफिकेशन कोर्स इन बैसिक प्रेक्टिकल बिजनेस एकाउंटिंग
● – सर्टिफिकेशन कोर्स इन माइक्रोसॉट ऑफिस लेब
● – सर्टिफिकेशन कोर्स इन बिजनेस स्टेटिस्टिक्स यूजिंग एक्सेल
● – सर्टिफिकेशन कोर्स इन प्रेक्टिकल इनकम टैक्स
● – सर्टिफिकेशन कोर्स इन प्रेक्टिकल एडवांस एमएस एक्सेल
● – सर्टिफिकेशन कोर्स इन प्रेक्टिकल गुड्स एंड सर्विस टैक्स
● – सर्टिफिकेशन कोर्स इन प्रेक्टिकल टीडीएस एंड एडवांस टैक्स
● – सर्टिफिकेशन कोर्स इन एडवांस प्रेक्टिकल बिजनेस एकाउंटिंग
● – सर्टिफिकेशन कोर्स इन फाइनेंशियल मैनेजमेंट यूजिंग एक्सेल
● – सर्टिफिकेशन कोर्स इन प्रेक्टिकल स्टॉक एक्सचेंज ट्रांजक्शन
● – सर्टिफिकेशन प्रोग्राम इन ब्लॉकाउंटिंग
मिलेंगे तीन विकल्प
पहले विकल्प में वर्षभर शनिवार एवं रविवार को चार-चार घंटों की कक्षाएं लगेंगी। दूसरे विकल्प में शनिवार को चार घंटे तथा रविवार को आठ घंटे तथा तीसरे विकल्प में सप्ताह के पांच दिन शाम तीन से छह बजे तक कक्षाएं लगेंगी। भारतीय एवं वैश्विक कराधान प्रक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए नए कोर्स तैयार किए गए हैं। इनमें डिस्टेंस एवं रेगुलर दोनों मॉड के कॉर्सेज हैं। ये कोर्स जहां रोजगार परक है। वहीं कर प्रक्रिया को लेकर कामकाजी लोगों के नॉलेज बेस को बढ़ाने वाले हैं। इन कॉर्सेज को करने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
डॉ. शूरवीर सिंह भाणावत, विभागाध्यक्ष एवं कोर्स डायरेक्टर जानिए कोर्सेज के बारे में
1 . सर्टिफिकेशन प्रोग्राम इन कार्बन टैक्सेशन
ग्लोबल वार्मिंग को लेकर वैश्विक स्तर पर कार्बन टैक्स एवं कार्बन क्रेडिट ट्रांजक्शन लागू किए गए हैं। भारत से विदेशों में होने वाले एक्सपोर्ट पर ये टैक्स लागू होते हैं तो कार्बन उर्त्सजन प्रमाण पत्रों के लिए औद्योगिक संस्थानों को वित्तीय लाभ भी मिलते हैं। उदयपुर की बात करें तो यहां सरकारी खनिज कपनी आरएसएमएम में सौर एवं पवन ऊर्जा उत्पादन से कार्बन क्रेडिट हासिल किए हैं। यह कोर्स ग्लोबल वार्मिंग के नियंत्रण के लिए लागू कर प्रक्रियाओं के बारे में विद्यार्थियों को तैयार करेगा।
2. सर्टिफिकेशन प्रोग्राम इन इनकम टैक्सेशन
यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को भारतीय आयकर व्यवस्था के नियमों का जानकार बनाएगा। इससे युवाओं को विभिन्न व्यापारिक एवं औद्योगिक संस्थानों में रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। कामकाजी लोगों में यह पाठ्यक्रम आयकर प्रावधानों को लेकर जानकारी बढ़ाने वाला है। जो व्यक्तिगत एवं व्यवसायिक दोनों ही दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
3. सर्टिफिकेशन प्रोग्राम इन जीएसटी
इस कोर्स के जरिए विद्यार्थी राज्य एवं केंद्रीय जीएसटी के बारे में सीख सकेंगे। जीएसटी हर छोटे से लेकर बड़े व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण है। एकाउंटिंग का कार्य करने वाले लोगों के अलावा कोई भी इस पाठ्क्रम को करने के बाद अपने स्वयं के व्यवसाय या जिस संस्थान में वह कार्य करता है, वहां अपनी समझ का उपयोग कर सकता है।
4. सर्टिफिकेशन प्रोग्राम इन आइएफआरएस
विश्व के 140 देशों में इंटरनेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग सिस्टम (आइएफआरएस) लागू है। भारत में इसे IND-AS के रूप में अपनाया गया है। जो पांच सौ करोड़ नेटवर्थ वाली कपनियों पर लागू होता है। वैश्विक स्तर पर व्यापार करने वाले उद्योगों के प्रोफेशनल्स के लिए इसकी जानकारी होना जरूरी है।