दोपहर बाद मिली सूचना के बाद एकदम से जनसुनवाई कार्यक्रम रखा गया। कम संख्या में पहुंचे ग्रामीण बहुत सी समस्याओं को नहीं बता पाए। हालांकि, मुख्य समस्या की ओर ग्रामीणों ने ध्यान आकर्षित किया है। देखना यह है कि एसडीएम का आश्वासन पूरा होता है या फिर जनसुनवाई खानापूर्ति तक सीमित रहती है।
मोहनलाल ननामा, सरपंच, कोल्यारी
जनसुनवाई की सूचना देने में हमने देरी नहीं की। सूचना मिलते ही ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी। जनसुनवाई का कार्यक्रम वैसे एक माह पहले ही बन जाता है।
हुकुम कुंवर, तहसीलदार, झाड़ोल