बैठक में कलक्टर जसमीत सिंह संधू ने महात्मा गांधी नरेगा योजना से समीक्षा शुरू की। मनरेगा में 100 कार्य दिवस कम होने के कारण क्षेत्र के अधिकांश लोग रोजगार के लिए नजदीक राज्य गुजरात में पलायन करने की बात सामने आई। सांसद ने कलक्टर से चर्चा करते हुए 100 दिन कार्य दिवस को 150 दिन कार्य दिवस के रूप में बढ़ाने के साथ क्षेत्र में जरूरतमंद को समय पर पर्याप्त रोजगार देने की बात कही। जिससे क्षेत्र में रोजगार को लेकर लोगों का पलायन नहीं हो। इसके बाद स्वयं सहायता समूह को राजीविका के वन धन योजना के माध्यम आचार, मसाला कार्य, मिल्क कलेक्शन सेन्टर, कृषि बागवानी, जैसे अनेक कार्यो पर महिला सशक्तीकरण एवं रोजगार पर मंथन, प्रॉपर्टी कार्ड सहित योजनाओं की समीक्षा की गई।
कलात गांव में सड़क निर्माण का उठा मुद्दा
जिले के सराड़ा के कलात ग्राम पंचायत में आजादी के बाद से सड़क निर्माण नहीं होने का मुद्दा उठा। सांसद डॉ. रावत ने कहा कि कलात पंचायत में सड़क निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत होना चाहिए था। सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी को पाबंद करते हुए मौके पर जाकर वस्तु स्थिति देख योजना से जोड़ने को कहा। सांसद ने बैठक में कहा कि कुछ आवास ऐसे है, जहां लिखा है कि प्रधानमंत्री आवास, लेकिन छत तक नहीं, ऐसे कितने आवास है।
अब जिले में बनेंगे क्लस्टर
बैठक में सांसद ने बताया कि अब 12 गांव का एक क्लस्टर बनेंगे। साथ ही झाडोल पंचायत के खलूडीमंगरी में विद्यापीठ के नाम से 100 वर्ष के लिए जमीन की लीज को निरस्त कर लोगों को जमीनी हक देने की बात पर संबंधित अधिकारी को जांच रिपोर्ट देने निर्देश दिए। जिले के सेमारी क्षेत्र में क्षय रोगियों के नाम फर्जी अकाउंट एवं नाम के मार्फत विभाग के कार्मिक की ओर से फर्जी भुगतान उठाने के मामले पर उच्च स्तरीय जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए।
घर-घर कचरा संग्रहण मामले में जांच के निर्देश
घर-घर कचरा संग्रहण निविदा के बाद मौके पर कार्य नहीं करने तथा फर्जी भुगतान उठाने को लेकर ग्राम विकास अधिकारियों पर दबाव बनाने जैसे मामले को लेकर बैठक में सदस्यों ने आपत्ति जताई। कहा कि घर-घर कचरा संग्रहण के टेंडर निरस्त कर संबंधित ठेकेदार को ब्लैकलिस्टेड किया जाएं। कलक्टर ने संबंधित विकास अधिकारी को जांच कर दोषी संबंधित एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड करने के लिए निर्देशित किया।
जयसमंद प्रोजेक्ट पर चर्चा
उदयपुर-जयसमंद पाइपलाइन प्रोजेक्ट पर भी अधिकारियों ने बैठक में समीक्षा की तथा कार्य प्रगति पर एवं कार्य प्रगति में आने वाली समस्याओं को लेकर अपना पक्ष रखा। बैठक में जल जीवन मिशन के दौरान पाइपलाइन बिछाने को लेकर किए गए कार्य के बाद टूटी सड़कों के रिपेयरिंग नहीं करने को लेकर, जल जीवन मिशन का अधूरा पड़ा कार्य, रठौड़ा पंचायत में कुआं खोदने, पाइप लाइन कार्य पूर्ण होने के बाद भी पेयजल सप्लाई नहीं देने, विद्युत विभाग की ओर से रास्तों में इलेक्ट्रिक खंबे लगाने जैसे अनेक मुद्दों पर सदस्यों ने अपने-अपने पक्ष रखे। इधर, सांसद मद से धराल माता क्षेत्र में सामुदायिक भवन निर्माण की स्वीकृति के बाद जिला परिषद के महानरेगा के संबंधित अधिकारी ने संबंधित जगह का वन विभाग का पट्टा देने के बाद भी एनओसी के नाम पर कार्य रोकने का प्रयास किया। उसे लेकर बैठक में आपत्ति सामने आते ही संसद ने कहा कि वह ज्ञानी कौन है, जिसे पट्टे के बाद एनओसी चाहिए। लेकिन संबंधित अधिकारी बैठक में अनुपस्थित होने के कारण जिला कलक्टर ने संबंधित मामले को लेकर स्पष्टीकरण मांगा।
ये रहे मौजूद
बैठक में समिति के सदस्य नेता प्रतिपक्ष सोहनलाल चौधरी, सरपंच बसंती देवी मीणा, प्रधान दुर्गा प्रसाद मीणा, कमला गांधी, प्रधान बसंती देवी मीणा, प्रधान धुलीराम मीणा, प्रधान लीला देवी एवं जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी हेमेंद्र नागर सहित सभी बीडीओ व जिलास्तरीय अधिकारी मौजूद थे।