अगली ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘जबकि माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार राष्ट्रीय आकांक्षाओं की पूर्ति हेतु #NewEducationPolicy के अतहत
देशभर में 14500 पीएम श्री स्कूल विकसित कर रही है। जिसमें राजस्थान के स्कूल परचम लहरा रहे हैं।’
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश सरकार उदयपुर सहित प्रदेशभर में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी कर रही है। ताकि बच्चे हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी माध्यम से भी पढ़ सके। जिससे युवाओं को देश-विदेश में नौकरी मिलने में भी आसानी हो। क्योंकि अंग्रेजी भाषा में दक्ष अभ्यर्थियों की मांग प्राइवेट सेक्टर में भी बढ़ती जा रही है, क्योंकि अंग्रेजी रोजगार परक भाषा है। लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग की उदासीनता के चलते प्रदेश सरकार की यह रोजगार परक योजना ग्रामीण क्षेत्रों में दम तोड़ती दिखाई दे रही है। उदयपुर संभाग के 326 में से 133 से ज्यादा महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में 20-50 फीसदी सीटें खाली पड़ी हैं।
बता दें कि संयुक्त शिक्षा विभाग के पास उदयपुर के 19, राजसमंद के 38, प्रतापगढ़ 16, डूंगरपुर के 22 और बांसवाड़ा के 17 और चित्तौड़गढ़ के 21 सहित 133 स्कूलों के आंकड़े तक दर्ज नहीं हैं। शिक्षा विभाग का तर्क है कि जिन स्कूलों में लॉटरी नहीं निकाली है उनके आंकड़े नहीं हैं। लॉटरी नहीं निकालने की वजह सीटों से कम आवेदन आना है यानी सीटों का खाली रहना है। विभाग के पास यह आंकड़े तक नहीं हैं कि किस स्कूल में कितनी सीट हैं, कितनों पर प्रवेश हुए हैं, कितनी सीट खाली हैं। विभाग के अधिकारियों को यह तक नहीं पता है कि किन-किन क्षेत्रों के अभिभावक-बच्चे इंग्लिश मीडियम स्कूलों में प्रवेश लेने में क्यों रुचि नहीं दिखा रहे हैं।