मुकेश हिंगड़ / उदयपुर. उदयपुर के पूर्व सांसद दीनबन्धु वर्मा का बीती रात को जयपुर में निधन हो गया। वर्मा 1982 में उदयपुर से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। उन्होंने तब जनसंघ एवं भाजपा के संस्थापक सदस्य स्व. सुंदरसिंह भंडारी को हराया था। 84 वर्षीय वर्मा अस्वस्थ होने से पिछले दिनों से जयपुर में एक अस्पताल में भर्ती थे, उपचार के दौरान बीती रात को उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी बेटी चयनिका वर्मा बताती है कि पिछले ढाई साल से वर्मा जयपुर में रह रहे थे। वर्मा के निधन पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं ने शोक जताया। वर्ष 1980 के लोकसभा चुनाव में मोहनलाल सुखाडिय़ा संसद पहुंचे थे इस बीच फरवरी 1982 में सुखाडिय़ा का निधन हो गया और उदयपुर में उप चुनाव घोषित हुए। तब यहां से दीनबन्धु वर्मा को मैदान में उतारा गया जिन्होंने सुंदर सिंह भंडारी को हराया। वर्मा का कार्यकाल पूरा हुआ और उसके बाद इंदुबाला सुखाडिय़ा को मैदान में उतारा गया। वर्मा को 1985 में कपासन विधानसभा से प्रत्याशी बनाया गया। वर्मा वहां से जीतकर विधानसभा पहुंचे। इस बीच वर्मा को सहकारिता राज्यमंत्री बनाया गया। वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव भी रहे। यह उल्लेखनीय है कि वर्मा प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी माणिक्यलाल वर्मा के पुत्र थे। वर्मा परिवार की किसान आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
IMAGE CREDIT: चयनिका वर्मा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्मा के निधन पर गहरी संवेदनाएं जताते हुए कहा कि राजनैतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। ईश्वर से प्रार्थना है, शोकाकुल परिजनों को यह आघात सहने की शक्ति दें एवं दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।
Hindi News / Udaipur / पूर्व सांसद वर्मा नहीं रहे, 1982 में सुंदर सिंह भंडारी को हरा संसद पहुंचे थे