चार-चार पंचायतों का चार्ज, सबके लिए बार-बार उगाही
ब्यूरो की जांच से सामने आया कि कुशलगढ़ ब्लॉक में परिवादी ग्राम विकास अधिकारी गोविंद भाभोर के पास रामगढ़, लोहारिया बड़ा, सातलिया और खेड़पुर ग्राम पंचायत का चार्ज है। बीडीओ खान ने खेड़पुर पंचायत में पांच-पांच लाख की लागत की दो सीसी सडक़ों और चारों पंचायतों में पंचायत समिति की ओर से आरडी वक्र्स के तहत बीडीओ स्तर से मंजूर 95 लाख की लागत के कार्यों की यूसी-सीसी समायोजित करने की एवज कमीशन के 1 लाख 39 हजार रुपए मांगे थे। बकौल, गोविंद बार बार उगाही पर ११ अगस्त को उसने उधार 50 हजार लाकर दिए, तो भी बाकी 90 हजार के लिए दबाव बना रहा। तब परेशान होकर उसने एसीबी से शिकायत की और सत्यापन के दौरान बार्गेनिंग से अभी 50 हजार रुपए लेने पर सहमत होने पर मजबूरन बीडीओ को ट्रेप करवाया।
नहीं दे पाने पर आगे उलझन बढऩे का था खतरा
परिवादियों के अनुसार राशि नहीं देने पर बीडीओ खान उन्हें आगे उलझाने की बात कर टॉर्चर करता था। अक्सर ऐसे मामलों में वह पंचायत में चल रहे विकास कार्यों में कमी निकाल कर शाम को घर पर आकर मिलने को कहता था। फिर प्रोग्रेस के लिए पीईओ पर दबाव बनाता और ग्राम विकास अधिकारियों से खुद वसूली करता रहा।
अस्थाई था जिम्मा, इलाका छूटा पर बीडीओ ने नहीं छोड़ पीछा दूसरे टे्रप के परिवादी मुकेश पणदा की हालत भी खराब थी। उसने ब्यूरो को बताया कि वह पूर्व में कोटडा में एलडीसी था। तब ग्राम विकास अधिकारी का पद रिक्त होने पर उसे अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया। फिर उसका तबादला सज्जनगढ़ कर दिया गया, लेकिन वहां पुराने काम को लेकर कुशलगढ़ बीडीओ ने दबाव बनाया। उसने इसके लिए मौजूदा ग्राम विकास अधिकारी मलजी पुत्र फूलजी गणावा के जरिए फोन करवाए। इसमें मलजी ने 2018-19 में विधायक मद से 9 लाख की लागत स्वीकृत सामुदायिक भवन की यूसी-सीसी जारी के लिए बीडीओ को 20 हजार देना जरूरी बताया। बकौल मुकेश, बीडीओ खान ने उससे सीधी बात नहीं की पर मलजी के जरिए दबाव बना रहा था। इस पर ब्यूरो से शिकायत की और टिमेड़ा में २० हजार देते मलजी को पकड़वाकर बीडीओ के खेल को खत्म किया। गौरतलब है कि ग्राम विकास अधिकारी मलजी के पास 4 ग्राम पंचायतों बिजोरी बड़ी, डूंगरीपाड़ा, कोटड़ा और आमलीपाड़ा का कार्यभार दिया हुआ था।