ग्रामीणों ने बताया कि शनिवार रात व रविवार दिन को केवड़े की नाल में अच्छी बारिश होने से रविवार को डाया बांध छलक गया। पानी की आवक इतनी तेज है कि डाया बांध पर बने एनिकट पर करीब 5 सेमी की चादर चलने लग गई। जिससे क्षेत्र के सभी किसानों के चेहरे खुशी से खिल उठे।
डाया बांध में केवड़े की नाल से निकलने वाली नदी का पानी एवं छोटे-मोटे नालों का पानी मिलकर बांध में गिरता है, जिससे वह भर जाता है। डाया बांध ओवरफ्लो होने के बाद छोटी नदी के रूप में पलोदड़ा से होते हुए टीडी नदी में जाकर पानी मिल जाता है। इससे पहले 18 अगस्त 2022 में यह बांध ओवरफ्लो हुआ था।
इरिगेशन विभाग के कनिष्ठ अभियंता हितेश पटेल ने बताया कि डाया बांध से निकलने वाली नहर का पानी कबीतीखेड़ा, पलुणा, पलोदडा, नादवी, अमरपुरा, झडियाणा, पीलादर, पादडा, बोवस, चंदाजी का गड़ा, झाडोल, बेहूती होते हुए हरसन तालाब केजड़ में गिरता है। नहर के पानी से करीब 15 गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होता है।